दिवाली 2022 पूजा: आज शुभ दीपावली में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, जानें पूजा विधि
आज दिवाली का महापर्व मनाया जा रहा है, दिवाली पर कार्तिक अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजन का विधान होता है, इस दिन मां लक्ष्मी के साथ विध्नहर्ता भगवान गणेश,देवी सरस्वती और कुबेर देवता की पूजा होती है। 5 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और पांचवें दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है।
इस बार कार्तिक अमावस्था तिथि पर दिवाली भी मनाई जाएगी और साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगेगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज यानी 24 अक्तूबर को कार्तिक अमावस्या की तिथि शाम 05 बजकर 29 मिनट से शुरू हो जाएगी और इसका समापन 25 अक्तूबर को शाम 04 बजकर 20 मिनट पर हो जाएगा। लेकिन सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल सुबह तड़के शुरू हो जाएगा इस तरह से 24 अक्तूबर को रात के समय लक्ष्मी पूजा की जाएगी, परन्तु 25 अक्तूबर को भोर में सूतक लगने के कारण लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्तियों समेत सभी मंदिर के दरवाजे या पर्दे बंद करना पड़ेगा।
दिवाली के दिन सुबह से ही घरों की साफ-सफाई करने की प्रक्रिया चलती है,फिर शाम होते ही लक्ष्मी-गणेश और कुबेर भगवान के पूजा करने की तैयारियां शुरू की जाती है। अगर हम धार्मिक मान्यताओं की बात करें तो दिवाली पर शाम को प्रदोष काल में पूजा का विधान होता है। दिवाली पर अगर शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए राशि के अनुसार लक्ष्मी पूजन किया जाता है तो फल बहुत जल्दी से मिलता है।
गणेश मंत्र
जाननम्भूतगभू गणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्।
म् उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्।
गणेश जी की आरती जरूर करें,ऐसी मान्यता है कि इस दिन आरती करने से भगवान गणेश जी भक्तों के सारे कष्ट –दुःख हर लेते हैं।
लक्ष्मी पूजन मंत्र
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
. ॐ श्रीं श्रीयै नम:
. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
लक्ष्मी पूजन के सभी मुहूर्त
कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत: 24 अक्टूबर, 2022 को शाम 05 बजकर 29 मिनट से।
कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त: 25 अक्टूबर 2022 को शाम 04 बजकर 20 मिनट पर।
अभिजीत मुहूर्त का समय: सुबह 11:19 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक है।
विजय मुहूर्त आरंभ: 24 अक्टूबर को 01:36 से 02:21 तक।
दीपावली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
संध्या मुहूर्त (अमृत, चर): 17:29 से 19:18 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ): 22:29 से 24:05 मिन तक
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत,चल): 25:41:06 से 30:27:51
गणेश-लक्ष्मी पूजन विधि
दिवाली के दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें, इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़क दें। इसके साथ ही मुख्य द्वार रंगोली बना दिया जाए।
शाम के समय उत्तर-पश्चिम दिशा में एक चौकी रखें और उसमें सफेद या पीले रंग से रंग लें, इसके बाद इसमें लाल रंग का कपड़ा बिछा दें।
अब चौकी में भगवान गणेश, मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर दें, आप चाहे तो मां सरस्वती की मूर्ति भी रख सकते हैं।
चौकी के पास एक मिट्टी या पीतल के कलश में जलभर कर रख दें और उसके ऊपर आम के पत्ते रखकर कोई कटोरी रख दें।
अब पूजा आरंभ करें। सबसे पहले सभी देवी देवताओं का आह्वान करके जल अर्पित करें, इसके बाद फल, माला, मौली, जनेऊ, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत आदि अर्पित करें।
अब एक-एक पान में 2 लौंग, बाताशा, 1 सुपारी और 2 इलायची के साथ एक रुपए का सिक्का रखकर चढ़ादें। इसके साथ ही लाइया, गट्टा, खिलौना आदि के साथ मिठाई चढ़ा दें, अब भोग लगाने के बाद जल अर्पित करें और घी का दीपक जलाने के साथ 5 अन्य दीपक जलाएं और सभी के सामने रख दें।
अब लक्ष्मी स्तुति, चालीसा और मंत्र का जाप करें, इसके बाद भगवान गणेश की आरती सहित अन्य आरती कर लें।
अंत में आचमन करने के बाद भूलचूक के लिए माफी मांग लें।
महालक्ष्मी की पूजा करने के बाद वाहन, बही खाता, तिजोरी, पुस्तक, बिजनेस संबंधी चीजों की पूजा कर लें और फिर पूरे घर को दीपक से सजा लें।
दिवाली में माता लक्ष्मी का आगमन अपने घर में या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कराना चाहते हैं तो श्री सूक्त के ऋग्वैदिक श्री सूक्तम के प्रथम श्लोक को पढ़ना चाहिए।
ऊं हिरण्यवर्णान हरिणीं सुवर्ण रजत स्त्रजाम
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