भारत और गुयाना के बीच हवाई सेवा समझौते को मंजूरी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार और गुयाना सरकार के बीच हवाई सेवा समझौते पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी। हवाई सेवा समझौता दोनों पक्षों के बीच राजनयिक आदान-प्रदान के बाद लागू होगा जो इस बात की पुष्टि करेगा कि प्रत्येक पक्ष ने इस समझौते के लागू होने के लिए आवश्यक आंतरिक प्रक्रिया पूरी कर ली है।
गुयाना में अच्छी-खासी संख्या में भारतीय मौजूद हैं और 2012 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा सबसे बड़े जातीय समूह का है। गुयाना के साथ हवाई सेवा समझौते पर हस्ताक्षर करने से दोनों देशों के बीच हवाई सेवाओं के प्रावधान के लिए एक रूपरेखा तैयार होगी। बढ़ता विमानन बाजार और भारत में विमानन क्षेत्र के उदारीकरण जैसे घटनाक्रमों के बाद, अंतरराष्ट्रीय हवाई संपर्क के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए अनेक देशों के साथ हवाई सेवा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
हवाई सेवा समझौता (एएसए) दो देशों के बीच हवाई संचालन के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है जो राष्ट्रों की संप्रभुता, विमान सेवाओं की राष्ट्रीयता और प्रत्येक पक्ष की निर्दिष्ट एयरलाइनों के लिए वाणिज्यिक अवसरों के संदर्भ में पारस्परिकता के सिद्धांतों पर आधारित है। वर्तमान में भारत सरकार और गुयाना की सरकार के बीच कोई हवाई सेवा समझौता (एएसए) नहीं है।
भारत और गुयाना अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन पर संधि (शिकागो संधि) के हस्ताक्षरकर्ता हैं। भारत सरकार और गुयाना सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल आईसीएओ हवाई सेवा समझौतों के कार्यक्रम के दौरान 06 दिसम्बर 2016 को बहामास के नसाउ में मिले थे जहां दोनों देशों ने भारत और गुयाना के बीच 06 दिसम्बर 2016 के समझौता ज्ञापन के संदर्भ में दोनों देशों के बीच निर्धारित हवाई सेवाओं के लिए एएसए के प्रकाशित दस्तावेज रखे थे।
भारत और गुयाना गणराज्य के बीच नया हवाई सेवा समझौता दोनों पक्षों की विमान सेवाओं को वाणिज्यिक अवसर प्रदान करते हुए उन्नत और निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए सक्षम वातावरण प्रदान करेगा।
स्रोत: पीआईबी
(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)