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एयरो इंडिया 2025

एयरो इंडिया 2025

एयरो इंडिया 2025

परिचय

एयरो इंडिया एशिया का सबसे बड़ा एयर शो है। यह द्विवार्षिक एयर शो और विमानन प्रदर्शनी है जिसे रक्षा प्रदर्शनी संगठन, रक्षा उत्पादन विभाग और रक्षा मंत्रालय बेंगलुरु में आयोजित करता है। एयरो इंडिया भारत की प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी है जहां वैश्विक एयरो विक्रेता और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) एक के बाद एक हवाई कलाबाज़ी के प्रदर्शन से दर्शकों को रोमांचित करते हैं। यह एक प्रमुख कार्यक्रम है जो वैश्विक उद्योग जगत के दिग्गजों, सरकारी अधिकारियों, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों और रक्षा रणनीतिकारों को एक मंच पर लाता है। यह कार्यक्रम न केवल देश की तकनीकी शक्ति और नवाचारों को प्रदर्शित करता है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और रणनीतिक संवाद के लिए एक गतिशील मंच भी प्रदान करता है।

एयरो इंडिया की विरासत और महत्व

एयरो इंडिया एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में विकसित हुआ है जो न केवल विमान निर्माण या अंतरिक्ष (एयरोस्पेस) प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति को उजागर करता है बल्कि घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों के बीच रणनीतिक बातचीत का एक महत्वपूर्ण मंच भी है। यह शो देश की विमान निर्माण तकनीकी और रक्षा क्षमताओं को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है। पिछले कुछ वर्षों में, एयरो इंडिया निम्नलिखित में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है:

इस विरासत ने न केवल इस आयोजन के वर्तमान संस्करणों का मार्ग प्रशस्त किया है, बल्कि भविष्य के लिए एक उच्च मानक भी स्थापित किया है। एयरो इंडिया एक प्रदर्शनी से कहीं अधिक है – यह नवाचार, रणनीति और राष्ट्रीय गौरव का केंद्र बिंदु है।

एयरो इंडिया 2025

एयरो इंडिया 2025, एयरो इंडिया का 15वां संस्करण है। इसे ऐतिहासिक संस्करण के रूप में डिज़ाइन किया गया है जिसे विमान निर्माण तकनीक या अंतरिक्ष (एयरोस्पेस) और रक्षा प्रौद्योगिकी में नए क्षेत्रों को दर्शाते हुए अपने पूर्ववर्तियों की सफलताओं का लाभ मिलता है। एयरो इंडिया 2025 का आयोजन 10 से 14 फरवरी 2025 तक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू के येलहंका एयर फ़ोर्स स्टेशन में किया जाएगा। शो के पहले तीन दिन व्यावसायिक आगंतुकों के लिए समर्पित हैं, जबकि अंतिम दो दिन आम जनता के लिए खुले हैं।

इसका व्यापक विषय है एक अरब अवसरों का मार्ग’ ।

एयरो इंडिया 2025 के कार्यक्रम

इस पांच दिवसीय एयरशो में एक पूर्वावलोकन कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन, सीईओ गोलमेज सम्मेलन, आईडेक्स स्टार्ट-अप कार्यक्रम, शानदार एयर शो और भारतीय मंडप सहित एक विशाल प्रदर्शनी क्षेत्र तथा विमान निर्माण कंपनियों का एक व्यापार मेला शामिल है।

एयरो इंडिया 2023: एक पूर्वव्यापी विश्लेषण

एयरो इंडिया के पिछले संस्करणों ने भारत के एयरोस्पेस और रक्षा परिदृश्य के निरंतर विकास के लिए आधार तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एयरो इंडिया 2023 का 14वां संस्करण 13 से 17 फरवरी तक कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित किया गया था जो 1996 में अपनी शुरुआत के बाद से अब तक का सबसे बड़ा संस्करण रहा है। इसमें 100 से अधिक देशों और 809 प्रदर्शकों ने भाग लिया। इसमें 53 विमानों के साथ पहली बार फ्लाई पास्ट हुआ। दुनिया भर से आए लोगों के लिए हमारी वायुशक्ति का प्रदर्शन किया गया। पांच दिनों के इस एयरशो में 7 लाख से अधिक लोग आए। एयरो इंडिया 2023 की विशेषता कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों और प्रभावशाली प्रदर्शनों की श्रृंखला थी। एयरो इंडिया 2023 संस्करण के मुख्य पहलू थे:

एयरो इंडिया 2023 की सफलताओं और चुनौतियों ने मूल्यवान सबक प्रदान किए हैं जिन्हें एयरो इंडिया 2025 की योजना और क्रियान्वयन में शामिल किया जा रहा है। परिचालन उत्कृष्टता, अंतर्राष्ट्रीय सहकार्यता और तकनीकी नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना ऐसे तत्व रहे हैं जो 2023 में प्रमुखता से प्रदर्शित किए गए थे। अब ये तत्व आगामी संस्करण में आधारशिला के रूप में शामिल हैं। पिछले संस्करण में उत्पन्न आगे की गति 2025 में और भी बड़ी उपलब्धियों में तब्दील होने की उम्मीद है, जिसमें बेहतर प्रोटोकॉल, परिष्कृत रणनीतियां और विस्तारित वैश्विक भागीदारी शामिल है।

एयरो इंडिया 2023 में कार्यक्रम

इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की गोलमेज बैठक, मंथन स्टार्ट-अप कार्यक्रम, बंधन समारोह, शानदार एयर शो, बड़ी प्रदर्शनी, भारतीय मंडप और विमान निर्माण कंपनियों का व्यापार मेला शामिल हैं।

प्रमुख प्रदर्शक एवं उपकरण

एयरशो में प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, एसएएबी, सफ्रान, रोल्स रॉयस, लार्सन एंड टूब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल थे।

एयरो इंडिया 2023 में यूएवी सेक्टर, रक्षा अंतरिक्ष और भविष्य की तकनीकों में डिजाइन क्षमता और विकास को प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए)-तेजस, एचटीटी-40, डोर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच), लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) जैसे स्वदेशी एयर प्लेटफॉर्म के निर्यात को बढ़ावा देना था।

रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन

रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन 14 फरवरी 2023 को आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में सहयोगी देशों के रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया, जिसका विषय था ‘रक्षा में बढ़ी हुई भागीदारी के माध्यम से साझा समृद्धि (स्पीड)’। इस सम्मेलन में क्षमता निर्माण (निवेश, अनुसंधान एवं विकास, संयुक्त उद्यम, सह-विकास, सह-उत्पादन और रक्षा उपकरणों की आपूर्ति के माध्यम से), प्रशिक्षण, अंतरिक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और समुद्री सुरक्षा के लिए सहयोग को गहरा करने से संबंधित पहलुओं पर चर्चा की गई। यह सम्मेलन रक्षा मंत्रियों के लिए ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन को आगे बढ़ाने के लिए एक-दूसरे के साथ जुड़ने का अवसर था।

द्विपक्षीय बैठकें

एयरो इंडिया 2023 से इतर, रक्षा मंत्री, रक्षा राज्य मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और रक्षा सचिव स्तर पर कई द्विपक्षीय बैठकें हुईं। इस दौरान साझेदारी को अगले स्तर तक ले जाने के लिए नए रास्ते तलाश कर सहयोगी देशों के साथ रक्षा और एयरोस्पेस संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

सीईओ गोलमेज

रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में 13 फरवरी 2023 को ‘सीईओ गोलमेज’ आयोजित किया गया, जिसका विषय था ‘आकाश की कोई सीमा नहीं: सीमाओं से परे अवसर ‘। इस बैठक ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्योग भागीदारों और सरकार के बीच अधिक मजबूत बातचीत की नींव रखी।

गोलमेज सम्मेलन में 26 देशों के अधिकारियों, प्रतिनिधियों और वैश्विक सीईओ ने भाग लिया। इसमें बोइंग, लॉकहीड, इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज, जनरल एटॉमिक्स, लिबर्र ग्रुप, रेथॉन टेक्नोलॉजीज, सफ्रान, जनरल अथॉरिटी ऑफ मिलिट्री इंडस्ट्रीज (जीएएमआई) जैसे वैश्विक निवेशक भी शामिल हुए थे। इसमें एचएएल, बीईएल, बीडीएल, बीईएमएल लिमिटेड और मिश्र धातु निगम लिमिटेड जैसे घरेलू सार्वजनिक उपक्रमों ने भी भाग लिया।

बंधन समारोह

बंधन समारोह 15 फरवरी को आयोजित किया गया, जिसमें समझौता ज्ञापनों ( एमओयू)/समझौतों पर हस्ताक्षर, प्रौद्योगिकियों का हस्तांतरण, उत्पाद लॉन्च और अन्य प्रमुख घोषणाएं की गईं। बंधन समारोह में बी2बी साझेदारी बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए गए और 75,000 करोड़ रुपये से अधिक के कुल मूल्य वाली 250 से अधिक ऐसी साझेदारियों को अंतिम रूप दिया गया।

मंथन

वार्षिक रक्षा नवाचार कार्यक्रम, मंथन 5 फरवरी को आयोजित प्रमुख प्रौद्योगिकी प्रदर्शन कार्यक्रम था। इसे इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) ने आयोजित किया। मंथन मंच रक्षा और एयरोस्पेस प्रणाली से अग्रणी इनोवेटर्स, स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई, इनक्यूबेटर्स, शिक्षाविदों और निवेशकों को एक मंच पर लाएगा।

मंथन कार्यक्रम में कई चीजें पहली बार की गईं जिनमें साइबर सुरक्षा पर चुनौतियों का शुभारंभ, आईडीईएक्स निवेशक हब की स्थापना, निवेशकों के साथ समझौता ज्ञापन आदि शामिल हैं। मंथन 2023 ने रक्षा क्षेत्र में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप प्रणाली को सक्रिय करने में आईडीईएक्स के भावी दृष्टिकोण/अगली पहलों पर एक सिंहावलोकन प्रदान किया।

भारत मंडप

‘फिक्स्ड विंग प्लेटफॉर्म’ थीम पर आधारित इंडिया पैवेलियन ने भविष्य की संभावनाओं सहित इस क्षेत्र में भारत के विकास को प्रदर्शित किया। कुल 115 कंपनियों ने 227 उत्पाद प्रदर्शित किए। इसने फिक्स्ड विंग प्लेटफॉर्म के लिए एक प्रणाली विकसित करने में भारत के विकास को भी प्रदर्शित किया, जिसमें निजी भागीदारों द्वारा उत्पादित एलसीए-तेजस विमानों के विभिन्न संरचनात्मक मॉड्यूल, सिमुलेटर, सिस्टम (एलआरयू) आदि का प्रदर्शन शामिल है। रक्षा अंतरिक्ष, नई प्रौद्योगिकियों और यूएवी अनुभाग के लिए भी एक खंड था जो प्रत्येक क्षेत्र में भारत के विकास के बारे में जानकारी देगा।

भारत मंडप के केंद्र में पूर्ण परिचालन क्षमता (एफओसी) विन्यास में एक पूर्ण पैमाने का एलसीए-तेजस विमान था। एलसीए तेजस एक एकल इंजन, हल्का वजन, अत्यधिक चुस्त, बहु-भूमिका वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है। इसमें क्वाड्रुप्लेक्स डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) है, जो उन्नत उड़ान नियंत्रण कानूनों से जुड़ा है। डेल्टा विंग वाला यह विमान ‘वायु युद्ध’ और ‘आक्रामक वायु समर्थन’ के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि ‘टोही’ और ‘जहाज-रोधी’ इसकी दूसरी भूमिकाएं हैं।

सेमिनार

इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कई सेमिनार आयोजित किए गए। इन विषयों में भारतीय रक्षा उद्योग के लिए भूतपूर्व सैनिकों की क्षमता का दोहन; भारत की रक्षा अंतरिक्ष पहल; भारतीय निजी अंतरिक्ष प्रणाली को आकार देने के अवसर; एयरो इंजन सहित भविष्य की एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों का स्वदेशी विकास; गंतव्य कर्नाटक: अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग नवाचार और मेक इन इंडिया; समुद्री निगरानी उपकरण और परिसंपत्तियों में उन्नति; एमआरओ और अप्रचलन शमन में संधारण, रक्षा ग्रेड ड्रोन में उत्कृष्टता प्राप्त करना और हवाई आयुध संधारण में आत्मनिर्भरता शामिल हैं।

एयरो इंडिया 2023 में प्रमुख समझौते

एयरो इंडिया 2023 में प्रदर्शित उत्पाद

भविष्य की ओर अग्रसर: भारत में विमान निर्माण प्रौद्योगिकी और रक्षा का भविष्य

एयरो इंडिया हमेशा से एक प्रदर्शनी से कहीं बढ़कर रहा है। यह एक रणनीतिक अनिवार्यता है जो विमान निर्माण प्रौद्योगिकी और रक्षा में विश्व स्तर पर अग्रणी बनने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह आयोजन निम्नलिखित में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है:

निष्कर्ष: एयरो इंडिया के साथ भविष्य को अपनाना

एयरो इंडिया अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और रक्षा में नवाचार, रणनीतिक सहयोग और उत्कृष्टता के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। देश एयरो इंडिया 2025 की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। यह आयोजन पिछले संस्करणों खासकर परिवर्तनकारी एयरो इंडिया 2023 की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने का काम करेगा। कठोर परिचालन प्रोटोकॉल, रणनीतिक साझेदारी और एक दूरदर्शी एजेंडे के जरिए एयरो इंडिया 2025 वैश्विक एयरोस्पेस मंच पर भारत की छवि को और ऊंचा करने के लिए तैयार है।

अनुलग्नक

  1. एयरो इंडिया का व्यापक कार्यक्रम:

https://www.aeroindia.gov.in/assets/front/broad_programme.pdf

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

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