ताजा खबरमनोरंजनराष्ट्रिय

एसआरएफटीआई की फिल्म “ए डॉल मेड अप ऑफ क्ले” कान 2025 में शामिल

सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एसआरएफटीआई) के एक छात्र की फिल्म “ए डॉल मेड अप ऑफ क्ले” ने 78वें फेस्टिवल डी कान 2025 में प्रतिष्ठित ला सिनेफ सेक्शन में आधिकारिक चयन हासिल किया है जो भारतीय सिनेमा के लिए गौरव की बात है। इस श्रेणी में एकमात्र भारतीय प्रविष्टि के रूप में, यह फिल्म भारत की सिनेमाई शिक्षा यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

फिल्म के बारे में

नाइजीरिया का एक युवा एथलीट भारत में एक पेशेवर फुटबॉलर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने पिता की ज़मीन बेच देता है। हालांकि, करियर खत्म करने वाली चोट उसे निराश कर देती है और वह एक अपरिचित देश में फंस जाता है। शारीरिक दर्द, भावनात्मक आघात और पहचान के संकट के माध्यम से, वह अपने पूर्वजों की आध्यात्मिक परंपराओं से फिर से जुड़ता है, और मुक्ति और प्रयोजन पाता है। मिट्टी से बनी एक गुड़िया विस्थापन, हानि और सांस्कृतिक सुदृढ़ता की एक शक्तिशाली खोज है।

एसआरएफटीआई के फिल्म और टेलीविजन निर्माण (पीएफटी) विभाग के तहत निर्मित यह 23 मिनट की प्रयोगात्मक फिल्म सीमा पार सहयोग को दर्शाती है। पीएफटी के छात्र साहिल मनोज इंगले द्वारा निर्मित और आईसीसीआर अफ्रीकी छात्रवृत्ति के तहत इथियोपियाई छात्र कोकोब गेब्रेहावेरिया टेस्फे द्वारा निर्देशित यह फिल्म वैश्विक सिनेमाई नवाचार के प्रति एसआरएफटीआई के समर्पण को दर्शाती है।

कान में ला सिनेफ़ में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आमंत्रण प्राप्त करने वाली यह फ़िल्म शीर्ष वैश्विक फ़िल्म स्कूलों से उभरती हुई प्रतिभाओं को उजागर करती है। यह महोत्सव इस मई में फ़्रांस में आयोजित किया जाएगा।

सपने, सुदृढ़ता और वैश्विक मान्यता

प्रो. सुकांत मजूमदार (डीन, एसआरएफटीआई) ने कहा, “हमारे छात्रों की किसी भी सिनेमाई अभिव्यक्ति को जब किसी प्रतिष्ठित वैश्विक मंच पर पहचान मिलती है तो हमें एक आश्वासन महसूस होता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है, और हमें अपने छात्रों पर बहुत गर्व है। मैं उन्हें प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

फिल्म के निर्माता साहिल मनोज इंगले ने कहा, “यह फिल्म महाद्वीपों के बीच एक साझा दृष्टिकोण है – एक ऐसी कहानी जो सीमाओं से परे है। कान के लिए चयन एक सपने का साकार होना है और यह एसआरएफटीआई की दीवारों के भीतर वैश्विक सोच का प्रमाण है।”

निर्देशक कोकोब गेब्रेहावेरिया टेस्फ़े ने कहा, “यह बेहद निजी कहानी सपने देखने वाले उन लोगों की यात्रा को बयां करती है जो नई चुनौतियों का सामना करते हैं और खुद को नया आकार देते हैं। कान फिल्मोत्सव लचीलेपन और अनकही कहानियों का जश्न मनाता है।”

वैश्विक सहयोग:

फिल्म के कलाकार और टीम एक असाधारण अंतर्राष्ट्रीय प्रयास का प्रतिनिधित्व करते हैं:

  • निर्माता : साहिल मनोज इंगले
  • लेखक एवं निर्देशक : कोकोब गेब्रेहवेरिया टेस्फे (इथियोपिया)
  • डीओपी: विनोद कुमार
  • संपादक : हारू – महमूद अबू नासेर (बांग्लादेश)
  • ध्वनि डिजाइन: सोहम पाल
  • संगीतकार: हिमांगशु सैकीह
  • कार्यकारी निर्माता: उमा कुमारी और रोहित कोडेरे
  • लाइन प्रोड्यूसर: अविनाश शंकर रुर्वे
  • मुख्य अभिनेता : इब्राहिम अहमद (नाइजीरिया)
  • कलाकार: गीता दोशी, इब्राहिम अहमद, रवितबन आचार्य

एसआरएफटीआई के बारे में

1995 में स्थापित एसआरएफटीआई का नाम महान फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के नाम पर रखा गया है, जो फिल्म शिक्षा में उत्कृष्टता के माध्यम से कहानीकारों की नई पीढ़ियों को सशक्त बनाने की अपनी विरासत को जारी रखे हुए है।

स्रोत: पीआईबी

 (अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है; शेष सामग्री एक सिंडिकेटेड फ़ीड से स्वतःउत्पन्न हुआ है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *