ताजा खबरराष्ट्रियसरकारी योजनाएं

कैबिनेट ने पीएम स्वनिधि योजना को 2030 तक बढ़ाने और पुनर्गठन को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के पुनर्गठन और विस्तार को मंज़ूरी दे दी। ऋण अवधि, जो पहले 31 दिसंबर, 2024 तक वैध थी, अब 31 मार्च, 2030 तक बढ़ा दी गई है। पुनर्गठित योजना का कुल परिव्यय ₹7,332 करोड़ है।

सरकार ने कहा कि संशोधित योजना में 50 लाख नए स्ट्रीट वेंडरों सहित 1.15 करोड़ लाभार्थी शामिल होंगे। इसका कार्यान्वयन आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।

नए प्रावधानों के तहत, पहली और दूसरी किस्तों में ऋण राशि बढ़ा दी गई है। पहली किश्त अब ₹10,000 की बजाय ₹15,000 तक प्रदान की जाएगी, और दूसरी किश्त को ₹20,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया है। ₹50,000 की तीसरी किश्त में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दूसरा ऋण चुकाने वाले लाभार्थी UPI-लिंक्ड RuPay क्रेडिट कार्ड के लिए भी पात्र होंगे।

डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, विक्रेता खुदरा और थोक भुगतान पर ₹1,600 तक के कैशबैक प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना का दायरा चरणबद्ध तरीके से वैधानिक कस्बों से आगे बढ़कर जनगणना कस्बों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक भी बढ़ाया जा रहा है।

सरकार ने कहा कि पुनर्गठित योजना उद्यमिता, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल कौशल और विपणन में प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के साथ साझेदारी में स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा।

अन्य सरकारी योजनाओं के साथ तालमेल सुनिश्चित करने के लिए ‘स्वनिधि से समृद्धि’ घटक को मज़बूत किया जा रहा है। लाभार्थियों और उनके परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रमों से जोड़ने के लिए मासिक लोक कल्याण मेले आयोजित किए जाएँगे।

कोविड-19 महामारी के दौरान 1 जून, 2020 को शुरू की गई पीएम स्वनिधि योजना के तहत अब तक 68 लाख से ज़्यादा रेहड़ी-पटरी वालों को ₹13,797 करोड़ मूल्य के 96 लाख से ज़्यादा ऋण वितरित किए जा चुके हैं। लगभग 47 लाख डिजिटल रूप से सक्रिय लाभार्थियों ने ₹6.09 लाख करोड़ मूल्य के 557 करोड़ डिजिटल लेनदेन किए हैं, जिससे उन्हें ₹241 करोड़ का कैशबैक प्रोत्साहन मिला है। ‘स्वनिधि से समृद्धि’ के तहत, 3,564 शहरी स्थानीय निकायों के 46 लाख लाभार्थियों का प्रोफ़ाइल तैयार किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 1.38 करोड़ से ज़्यादा योजनाओं को मंज़ूरी मिली है।

इस योजना को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार (2023) और डिजिटल परिवर्तन हेतु सरकारी प्रक्रिया पुनर्रचना में उत्कृष्टता के लिए रजत पुरस्कार (2022) मिला है।

मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के विस्तार का उद्देश्य आसान ऋण सुविधा प्रदान करके, डिजिटल अपनाने को बढ़ावा देकर और विक्रेताओं एवं उनके परिवारों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को सक्षम बनाकर रेहड़ी-पटरी वालों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *