धर्म

जन्माष्टमी 2022 पूजन का समय: जानिए कृष्ण जन्माष्टमी मुहूर्त दिल्ली-एनसीआर समेत विभिन्न शहरों में

Janmashtami 2022 Pujan Subh Muhurat: नई दिल्ली,हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का,पूरे देश में कृष्ण जन्मोत्सव को काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है,धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.हालांकि इस साल अष्टमी तिथि दो दिन पड़ रही है,परन्तु इस वर्ष तिथियों को लेकर भ्रम की स्थिति थी,परन्तु अब स्थिति यहाँ कि जन्माष्टमी का पावन पर्व 19 अगस्त 2022, शुक्रवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। ज्योतिर्विद पं. नरेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि 19 अगस्त को अष्टमी तिथि का मान सम्पूर्ण दिन अर्धरात्रि के बाद 1:06 बजे तक रहेगा। कृतिका नक्षत्र भी सम्पूर्ण दिन और रात्रिशेष 4:58 बजे तक है। इस दिन ध्रुव योग पूरे दिन और अर्धरात्रि के बाद 1:06 बजे तक है। छत्र नामक औदायिक योग भी बन रहा है। व्रत रहने वाले 20 की सुबह पारण करेंगे, उससे पहले रोहिणी नक्षत्र भी मिल जा रही है। इसलिए इस वर्ष जन्माष्टमी अत्यंत शुभकारी है।

मथुरा में जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी
जन्माष्टमी की सबसे ज्यादा रौनक मथुरा में देखने को मिलती है,कान्हा की नगरी में कृष्ण जन्म की लीला देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं.हालांकि इस बार अष्टमी तिथि दो बार पड़ने से लोग जानने को उत्सुक हैं कि आखिर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मथुरा में किस दिन मनाया जाएगा.बता दें कि हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात के 12 बजे हुआ था. इस कारण कुछ लोगों का मानना है कि जन्माष्टमी तिथि 18 अगस्त को मनाई जाएगी.वहीं कुछ ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात्रि 12 बजे हुआ था और 19 अगस्त को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी. इसके अलावा 19 को सूर्योदय भी होगा.इसलिए जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जानी चाहिए.गौरतलब है कि मथुरा, वृन्दावन, द्वारिकाधीश मंदिर और बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी.

काशी में जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी
महादेव की नगरी काशी में जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है, हिंदू पंचांग के अनुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाया जाएगा,और काशी हर्ष और उल्लास के साथ जन्माष्टमी मना रहा है। आचार्य अशोक द्विवेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष,काशी कर्मकांड परिषद, ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 18 की रात 12.09 बजे लग रही है जो 19 की रात 12.58 बजे तक रहेगी। मध्य रात्रि व्यापिनी अष्टमी होने के कारण अष्टमी 19 को मनाई जाएगी। गृहस्थों की अष्टमी 19अगस्त को होगी।

अन्य शहरों के लिए कृष्ण जन्माष्टमी मुहूर्त-

12:16 ए एम से 01:01 ए एम, अगस्त 19 – पुणे

12:03 ए एम से 12:47 ए एम, अगस्त 19 – नई दिल्ली

11:50 पी एम से 12:36 ए एम, अगस्त 19 – चेन्नई

12:09 ए एम से 12:53 ए एम, अगस्त 19 – जयपुर

11:57 पी एम से 12:43 ए एम, अगस्त 19 – हैदराबाद

12:04 ए एम से 12:48 ए एम, अगस्त 19 – गुरुग्राम

12:05 ए एम से 12:49 ए एम, अगस्त 19 – चण्डीगढ़

11:18 पी एम से 12:03 ए एम, अगस्त 19 – कोलकाता

12:20 ए एम से 01:05 ए एम, अगस्त 19 – मुम्बई

12:01 ए एम से 12:46 ए एम, अगस्त 19 – बेंगलूरु

12:21 ए एम से 01:06 ए एम, अगस्त 19 – अहमदाबाद

12:03 ए एम से 12:46 ए एम, अगस्त 19 – नोएडा

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर श्रीकृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) मंदिर में 19 अगस्त को श्रीकृष्ण लीला व गौड़िय नृत्य की प्रस्तुति होगी। इस्कॉन पटना के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास ने कहा कि मंदिर में शुक्रवार को जन्माष्टमी के मौके पर सुबह 7 बजे से मध्यरात्रि 12 बजे तक संकीर्तन एवं भव्य आरती होगी।

कृष्ण जन्माष्टमी 2022 पूजा सामग्री
यदि आप पहली बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत और अनुष्ठान कर रहे हैं, तो यहां उन वस्तुओं की सूची दी गई है, जिन्हें आपको अपनी पूजा की तैयारी में शामिल करना चाहिए- भगवान कृष्ण की तस्वीर या मूर्ति, भगवान गणेश की मूर्ति, सिंहासन या चौकी, पंच पल्लव, पंचामृत, तुलसी दाल, केले के पत्ते, दीपक के लिए घी, मिट्टी या पीतल के दीये, बंदनवार, अर्घ्य के लिए लोटा, इत्र की बोतल, अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, 5 यज्ञोपवीत, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाडा, कपास, रोली, सिंदूर, सुपारी, मौली, सुपारी , माल्यार्पण, कमलगट्टे, तुलसीमाला, खीरा आदि.

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत के नियम क्या है
अगर आप श्रद्धा पूर्वक व्रत करना चाहते है,तो श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत (Krishna Janmashtami 2022Vrat) के पहली वाली रात्रि को हल्का भोजन करना चाहिए. उसके बाद अगले दिन यानी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के दिन व्रत का संकल्प लेना चाहिए. तत्पश्चात विशेष रूप से सूर्य, सोम, भूमि, आकाश, संधि, भूत, यम, काल, पवन, अमर, दिक्‌पति, खेचर, ब्रह्मादि को हाथ जोड़कर नमस्कार करें. अब पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके विधि-विधान से भगवाण श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) का पूजन करें. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल को माखन और मिश्री का भोग लगाते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से सुख- समृद्धि और दीर्घायु की प्राप्ति होती है.

अस्वीकरण: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, यहां यह बताना जरूरी है कि sandeshvarta.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है,किसी भी दिन,तिथि,विधि,जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से आवश्य परामर्श लें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *