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जीवंत ग्राम कार्यक्रम

सरकार द्वारा 15.02.2023 को जीवंत ग्राम कार्यक्रम (वीवीपी) की मंजूरी के बाद, संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वीवीपी के कार्यान्वयन के संबंध में कई गतिविधियां शुरू की गई हैं। अनुमोदन के तुरंत बाद, चिन्हित गांवों के व्यापक विकास की योजना तैयार करने के क्रम में राज्य/जिला अधिकारियों के क्षमता संवर्धन के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की गई। इसके बाद संबंधित हितधारक मंत्रालयों/विभागों/राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ कई बैठकें और चर्चाएं आयोजित की गईं।

इसके अलावा, चिन्हित गांवों में जीवंतता लाने के लिए, 17 केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों ने अब तक कुछ चिन्हित गांवों का दौरा और रात्रि प्रवास किया है, ताकि उन गांवों में केंद्र सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति और उनकी विकास संबंधी जरूरतों के बारे में ग्रामीणों से प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया प्राप्त की जा सके।

जीवंत गांवों में अब तक मेले, त्योहार, स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना, जागरूकता शिविर, खेल प्रतियोगिता, स्वास्थ्य जांच शिविर, पशु चिकित्सा शिविर समेत लगभग 2900 गतिविधियां आयोजित की गई हैं। केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी चिन्हित गांवों का दौरा किया है।

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने हाल ही में गांवों के व्यापक विकास के लिए आवश्यक कार्यों/परियोजनाओं को दर्शाते हुए अपनी ग्राम कार्य योजना (वीएपी) भेजी है। विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों को उनकी जारी परियोजनाओं के तहत पूरे किए जाने वाले कार्यों/परियोजनाओं की जानकारी भेज दी गई है ताकि चिन्हित गांवों को कवर करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर इन योजनाओं को लागू किया जा सके। वीवीपी के तहत फंड जारी करना, वीवीएपी के तहत अनुमानित कार्यों/परियोजनाओं के अनुमोदन के अधीन है।

पिछले पांच वर्षों (2018-19 से 2022-23) के दौरान सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) के तहत 2005.16 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

यह जानकारी गृह राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रमाणिक ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

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