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जी20 विशाल समुद्र तट स्‍वच्‍छता अभियान

केन्‍द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, और श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेन्‍द्र यादव ने आज मुम्‍बई में जुहू समुद्र तट(बीच) पर जी20 मेगा समुद्र तट स्‍वच्‍छता अभियान में भाग लिया। श्री यादव ने जी20 राष्‍ट्रों और देश भर में 37 स्‍थानों पर अभियान में भाग लेने वाले लोगों को धन्‍यवाद दिया। इस अवसर पर महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल श्री रमेश बैस, महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्‍य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे और महाराष्‍ट्र सरकार के मंत्री श्री मंगल प्रभात लोढ़ा और पर्यावरण सचिव श्रीमती लीना नंदन तथा केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों के वरिष्‍ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।श्री यादव ने जी20 मेगा बीच स्‍वच्‍छता अभियान के भाग के रूप में समुद्रों को साफ और स्‍वस्‍थ रखने की शपथ भी दिलाई।

जी20 भारत अध्‍यक्षता के तहत आयोजित जी20 मेगा बीच स्‍वच्‍छता कार्यक्रम में जी20 देशों, आमंत्रित देशों, राज्‍य सरकार के अधिकारियों, अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों और प्रतिनिधिमंडलों की व्‍यापक सहभागिता देखी गई, जिन्‍होंने तीसरी ईसीएसडब्‍ल्‍यूजी बैठक में भाग लिया और तटीय तथा सामुद्रिक इकोसिस्‍टम को संरक्षित करने की वैश्विक प्रतिबद्धता रेखांकित की।

मेगा बीच स्‍वच्‍छता कार्यक्रम का उद्देश्‍य पर्यावरण पर सामुद्रिक अपशिष्‍ट के प्रभाव के बारे में संवेदनशील बनाना, जागरूकता पैदा करना तथा लोगों को इसकी रोकथाम के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रोत्‍साहित करना था। इस कार्यक्रम के माध्‍यम से इस पर्यावरणगत चुनौती को दूर करने में व्‍यक्तिगत प्रयासों तथा सामुदायिक सहभागिता के महत्‍व को रेखांकित किया गया।

अंतर्राष्‍ट्रीय रूप से इस कार्यक्रम में 20 देशों की उत्‍साहजनक सहभागिता देखी गई। अर्जेंटीना, ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, मैक्सिको, कोरिया गणराज्‍य, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, टर्की, ब्रिटेन और अमेरिका 14 जी 20 देश हैं और मिस्र, मॉरिशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान और सिंगापुर 6 आमंत्रित देश हैं। भारत में सभी 13 तटीय राज्‍यों और 9 केन्‍द्र शासित प्रदेशों में समुद्र तटों पर स्‍वच्‍छता कार्यकलापों का आयोजन किया गया।

अभी तक भारतीय जी20 अध्‍यक्षता के तहत ‘जन भागीदारी’ की संभवत: सबसे बड़ी प्रदर्शिनयों में से एक, इस कार्यक्रम में सभी हितधारकों की सक्रिय सहभागिता देखी गई।

समुद्र तट पर सेल्‍फी प्‍वॉइंट एक बड़ा आकर्षण था जिसके बाद प्‍लास्टिक से रिसाइकिल्‍ड  वस्‍तुओं को प्रदर्शित करते स्‍टॉल भी लगाए गए थे। इस स्‍टॉल में बेंचों, कार डस्‍टबिन और रिसाइकिल्‍ड प्‍लास्टिक से बनाई गईं ऐसी ही वस्‍तुएं शामिल थीं। रिसाइक्लिंग मशीनों का उपयोग करते हुए जुहू बीच से एकत्रित प्‍लास्टिक अपशिष्‍ट को रिसाइकिल किया गया और जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्‍हें बीच पर रखा गया।

गणमान्‍य व्‍यक्तियों ने स्वच्छता कार्यकलापों में भाग लिया, दीवार पर संकल्‍प लिखे और स्‍कूली बच्‍चों द्वारा की गई चित्रकारी प्रदर्शन की सराहना की। विख्‍यात सैंड (बालू) चित्रकार सुदर्शन पटनायक ने बीच पर कार्यक्रम की थीम से जुड़ी आकर्षक सैंड कला प्रदर्शित की जिसमें प्रकृति, जो लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) का शुभंकर है, के साथ-साथ जी20 का प्रतीक चिन्‍ह भी शामिल था। प्रदर्शित की गई चित्रकारी देश भर के लगभग 5900 स्‍कूली छात्रों की थी जिन्‍होंने तटीय और समुद्री प्रदूषण की थीम पर एक कला प्रतियोगिता में भाग लिया था। सर्वश्रेष्‍ठ 100 पेंटिंग का चयन किया गया और उन्‍हें बैठक स्‍थल पर प्रदर्शित किया गया।

भारतीय अध्‍यक्षता द्वारा प्रवर्तित लाइफ या ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली’ की संकल्‍पना कार्यक्रम की सफलता निर्धारित करने में एक प्रमुख कारण थी। लाइफ एक ऐसी संकल्‍पना है जो पर्यावरणगत मुद्दों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए व्‍यक्ति के व्‍यवहार में बदलाव को बढ़ावा देता है। यह सामूहिक रूप से पर्यावरण को बचाने में सहायता करने के लिए उनके रोजमर्रा के जीवन में जलवायु-सकारात्‍मक अभ्यासों को शामिल करने के लिए समुदाय हितधारकों को प्रोत्‍साहित करता है।

मेगा बीच स्‍वच्‍छता कार्यक्रम पर्यावरण एवं जलवायु निर्वहनीयता कार्य समूह की तीसरी बैठक से आरंभ हुआ जो मुम्‍बई में 21 से 23 मई तक आयोजित किया जा रहा है। इस बैठक में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्‍मेषण, नीति, शासन, सहभागिता और समुद्री वित्त तंत्रों पर सर्वश्रेष्‍ठ पद्धतियों को साझा करने के एक मंच – ओसन20 संवाद पर व्‍यापक रूप से विचार-विमर्श किया जाएगा। इन चर्चाओं का लक्ष्‍य जी20 भारत अध्‍यक्षता की प्राथमिकताओं के अनुरूप टिकाऊ और जलवायु अनुकूल नीली (समुद्री) अर्थव्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने के लिए एक समाधान ढूंढ़ना है।

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

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