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डूरंड कप ‘ट्रॉफी टूर’ को सेवा प्रमुखों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ)  के अध्यक्ष श्री कल्याण चौबे ने भारत के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट डूरंड कप के 132वें संस्करण के “ट्रॉफी टूर” को 30 जून 2023 को मानेकशॉ सेंटर, दिल्ली कैंट में आयोजित समारोह में हरी झंडी दिखाई। यह टूर्नामेंट 03 अगस्त से 03 सितंबर 2023 तक कोलकाता में होगा। बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों में युवा फुटबॉल प्रेमी और प्रतिष्ठित खेल हस्तियां शामिल थीं।

डूरंड कप एशिया का सबसे पुराना और दुनिया का तीसरा सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट है, जिसमें देश भर के शीर्ष भारतीय फुटबॉल क्लब भाग लेते हैं। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित,  डूरंड कप वर्षों से भारत की सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल प्रतिभाओं के पनपने का स्थल रहा है। उद्घाटन संस्करण 1888 में शिमला में हुआ था, जब इसकी शुरुआत एक आर्मी कप के रूप में हुई थी, जो केवल भारत में ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों के लिए हुआ करता था, लेकिन जल्द ही इसे नागरिक टीमों के लिए भी खोल दिया गया।

डूरंड कप टूर्नामेंट अनोखा है जहां विजेता टीम तीन ट्रॉफियां लेकर जाती है, यानी डूरंड कप (एक रोलिंग ट्रॉफी और मूल पुरस्कार), शिमला ट्रॉफी (एक रोलिंग ट्रॉफी और पहली बार 1904  में शिमला के निवासियों द्वारा दी गई) और प्रेसिडेंट्स कप (स्थायी रूप से रखने के लिए और पहली बार 1956 में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा प्रस्तुत किया गया था)। अगले एक महीने में, ट्रॉफी टूर के हिस्से के रूप में तीन ट्रॉफियां मेगा इवेंट के लिए कोलकाता पहुंचने से पहले देश भर में घूमेंगी और शिमला, उधमपुर, जयपुर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, कोकराझार, गुवाहाटी और शिलांग जैसे कुछ प्रमुख शहरों में प्रदर्शित होंगी।

टूर्नामेंट के 132वें संस्करण में नेपाल, भूटान और बांग्लादेश की टीमों सहित 24 टीमें भाग लेंगी। विदेशी टीमें 27 साल के अंतराल के बाद टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही हैं।  यह टूर्नामेंट सभी क्लब टीमों के लिए खुला है और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के तत्वावधान में डूरंड फुटबॉल टूर्नामेंट सोसाइटी (डीएफटीएस) द्वारा आयोजित किया जाता है। मूल रूप से टूर्नामेंट हमेशा खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता, खेल कौशल और प्रतिस्पर्धात्मकता के उच्च बिंदु का प्रतीक रहा है।

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

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