नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह को बनाया कानून मंत्री,जबकि उन पर अपहरण का मामला है…
आरोपों पर कार्तिकेय सिंह का पक्ष क्या है
कार्तिकेय सिंह जो बिहार के कानून मंत्री और बाहुबली अनंत सिंह के राइट हैंड माने जाते है ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों का जवाब दिया है। कार्तिकेय सिंह ने कहा कि पहली बार एमएलसी बना हूं और अब मंत्री भी बन गया हूं, इसलिए जिम्मेदारी काफी अधिक हो गई है। मैं अब पूरे बिहार का काम देखूंगा लेकिन मेरी प्राथमिकता उन लोगों के प्रति होगी जिन्होंने मुझे जिताकर यहां भेजा है। उन्होंने कहा कि मैं सरकरी शिक्षक था, 2015 में वीआरएस लिया। मेरे बाबा स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। मैं शुरू से ही राजनीति से जुड़ा रहा। जब दिलीप सिंह मोकामा का प्रतिनिधित्व करते थे तब से मैं उनके साथ काम करता रहा। अनंत सिंह जब से राजनीति में आए तब से मैं उनके साथ काम करता रहा। सुशील मोदी की ओर से लगाए गए आरोप पर कार्तिकेय सिंह ने कहा कि चुनावी हलफनामा में सारी जानकारी दी जा चुकी है। वहां कोई बात छुपाई नहीं जाती है। केस होना या नहीं होना अलग बात है, लेकिन केस में दोषी पाया जाना अलग बात है।
गंभीर आरोप लगाए है सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी जो बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने एक निजी टीवी चैनल से दिल्ली में बातचीत के दौरान कहा, ‘जिस कार्तिकेय सिंह को मंत्री बनाया गया है, वह अनंत सिंह के दाहिने हाथ हैं। अनंत सिंह सजायाफ्ता हैं, जेल में बंद है। उनकी विधायकी हाल ही में समाप्त हुई है। कार्तिकेय किडनैपिंग के मामले में फरार हैं। 16 अगस्त को इनको सरेंडर करना है। इस दिन सरेंडर करने के बजाय कार्तिकेय मंत्री पद की शपथ लेने चले गए। क्या यह नीतीश जी को मालूम नहीं है। मुख्यमंत्री जब किसी को मंत्री पद की शपथ दिलाता है तो वह पूरा पुलिस वेरिफिकेशन कराता है। कौन से मुकदमे हैं, क्या मुकदमे हैं। नीतीश जी तो बाढ़ मोकामा इलाके से ही आते हैं, तो क्या उनको नहीं मालूम है कि कौन आदमी क्या है। ऐसे व्यक्ति को मंत्री बनाया, वह भी कानून मंत्री बनाया।’
सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि कार्तिकेय सिंह को इसलिए कानून मंत्री बनाया गया है ताकि आरजेडी नेताओं सुरेन्द्र यादव, ललित यादव, रामानंद यादव जैसे लोगों पर जितने भी केस हैं उसको खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय सिंह की क्या योग्यता है। सबसे बड़ी बात है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ वारंट है उसे क्यों मंत्री बनाया गया। अगर सीएम को इस बारे में जानकारी नहीं थी तो अब वह कार्तिकेय को बर्खास्त कर दें। ऐसी घटना पहले भी हुई है, जिसमें मंत्रियों को बर्खास्त किया गया था। इसलिए इस बार भी बर्खास्त करने की कार्रवाई करें।
कार्तिकेय,अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार रहे हैं
अनंत सिंह के समर्थक कार्तिकेय को ‘कार्तिक मास्टर’ के नाम से जानते हैं। वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी थी। आगे अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया,और अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं। इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद और सबसे बड़े विश्वासी कार्तिकेय हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि कार्तिकेय सिंह कह रहे हैं कि चुनावी हलफनामे में सारी जानकारी दर्ज है। उनको समझना चाहिए कि चुनावी हलफनामे में कोई जानकारी दर्ज करना एक बात है, लेकिन यह तो दर्ज नहीं किया ना कि मैं वारंटी हूं, फरार हूं। मैंने सरेंडर नहीं किया। सरेंडर नहीं करना कितना बड़ा अफराध है। आप न्याय के मंदिर जाने के बजाय राजभवन चले गए। बिहार एक बार फिर से लालू यादव और राबड़ी देवी का राज लौट आया है।
सुशील मोदी ने कहा कि माना कि कार्तिकेय सिंह को कोर्ट ने दोषी नहीं ठहराया है, लेकिन यह तो सत्य है ना कि इनके खिलाफ वारंट जारी है। जिस चंद्रशेखर को शिक्षा मंत्री बनाया गया है वह दिल्ली एयरपोर्ट पर कारतूस के साथ अरेस्ट हो चुके हैं। आरोप लगाया कि अनंत सिंह से खुद नीतीश कुमार डरते हैं, इसलिए उन्होंने कार्तिकेय सिंह को मंत्री बनने से नहीं रोका है। सीएम नीतीश को इस मामले पर अपना पक्ष रखना चाहिए।नीतीश कुमार को इस मसले पर जरूर ध्यान देना चाहिए अगर विपक्ष ऐसे आरोप लगा रहा है, राजनीतिक गठबंधन और सत्ता की चाहत बहुत सारे समझौते करा देती है परन्तु उसमे भी बीच का रास्ता जरूर ही होना चाहिए।

