अंतर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में महंगाई से हाहाकार, पाकिस्तान की शाहबाज सरकार मजबूर भारत से करने को व्यापार

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार आर्थिक संकट और भयानक बाढ़ से जूझ रही है ऐसे में भारत से व्यापार फिर से शुरू करने का मन बना लिया है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, देश के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने घोषणा की की वो अब भारत के साथ व्यापार शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ व्यापार का रास्ता खोलेंगे क्योंकि पाकिस्तान में इस वक़्त बहुत बुरे हालात है उसका प्रमुख कारण है बाढ़,और खाद्यान्न की कीमतें भी बहुत अधिक हो गई हैं। इससे पहले भीषण बाढ़ के बाद पाकिस्तान में सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है।

बाढ़ की तबाही ने पाकिस्तान में प्याज की कीमत 400 रूपये प्रति किलो कर दी है और टमाटर 500 रुपये किलो बिक रहा है. ऐसे में पाकिस्तानी मीडिया यह कह रहा है कि ऐसी परिस्थितियों के वज़ह से पाकिस्तान की सरकार को भारत के साथ व्यापार करने पर मजबूर कर दिया है। इस बाढ़ ने पाकिस्तान के 1000 से अधिक लोगो की जान ले ली है साथ ही व्यापार और व्यवसाय को 5.5 अरब डॉलर का नुकसान भी कर दिया है। पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद बंद कर दिया था।  

यह उम्मीद की जा रही थी कि पाकिस्तान में शाहबाज की सरकार आने के बाद भारत के साथ एक बार पुनः व्यापार शुरू होगा। इससे पूर्व मियां मंशा जो पाकिस्तान के अंबानी कहे जाते है, ने भी शाहबाज सरकार को भारत की शरण में जाने की नसीहत दी थी,उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के हर विलय की दवा हो सकती है, शर्त यह है कि आपको भारत के रास्ते पर चलना पड़े। मिया मंशा ने यह भी कहा कि भारत के साथ संबंध सुधारने और व्यापार की शुरूआत करने से बुरी तरह फंसा हुआ पाकिस्तान भी FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आ जाएगा।

पाकिस्तान के इस बिजनेसमैन मियां मंशा ने बैंकिंग, कार मैन्युफैक्चरिंग,टेक्सटाइल,सीमेंट, एनर्जी, डेयरी, एग्रीकल्चर, रियल एस्टेट और दूसरे सेक्टर्स में बहुत बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया है। उन्होंने भारत को सीमेंट और अन्य आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की सिफारिश भी की है। ऐसे में पाकिस्तान के वित्त मंत्री का यह बयान ऐसी परिस्थिति में आया है जब शाहबाज सरकार ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत के द्वारा स्थायी शांति चाहता है.उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है।

 

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