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पोर्ट लुइस, मॉरीशस में आईओएस सागर

आईओएस सागर 26 अप्रैल 2025 को मॉरीशस के पोर्ट लुइस हार्बर पहुंचा, जहां दक्षिण पश्चिमी हिंद महासागर में तैनाती के अंतर्गत नेशनल कोस्ट गार्ड (एनसीजी) मॉरीशस के साथ संयुक्त ईईजेड निगरानी का पहला चरण पूर्ण हुआ। यह यात्रा मित्र देशों के साथ क्षेत्रीय समुद्री सहयोग और क्षमता निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

05 अप्रैल 2025 को कारवार से रवाना हुए भारतीय नौसेना के जहाज सुनयना (आईओएस सागर) में हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) के नौ मित्र देशों के 44 नौसैनिक हैं, जिनमें मॉरीशस गणराज्य के दो अधिकारी और छह नौकाचालक शामिल हैं।

यह पहल सामूहिक विकास और सहयोग की भावना से अंतर-संचालन, पारस्परिक सीख और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना के निरंतर प्रयासों पर बल देती है।

जहाज और उसके चालक दल का सौहार्द और उत्साह के साथ स्वागत किया गया, जो भारत और मॉरीशस के बीच घनिष्ठ और समय-परीक्षित संबंधों को दर्शाता है। स्वागत समारोह में श्री सोरूजबाली आर, पीएमएसएम, पुलिस आयुक्त और प्रधानमंत्री कार्यालय, मॉरीशस पुलिस बल, भारतीय उच्चायोग और एनसीजी मॉरीशस के कई उच्च पदस्थ गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। स्वागत समारोह के समापन पर, गणमान्य व्यक्तियों को जहाज का दौरा भी कराया गया, जिसके बाद मित्र देशों से आए कर्मियों के साथ बातचीत की गई।

पोर्ट कॉल के दौरान, आईओएस सागर के कमांडिंग ऑफिसर, राष्ट्रीय तटरक्षक बल के कमांडेंट, पुलिस आयुक्त और भारत के उच्चायुक्त से मुलाकात करेंगे। दो दिवसीय पोर्ट कॉल के दौरान विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाई गई है, जिसमें आईओएस सागर चालक दल द्वारा समुद्री वायु स्क्वाड्रन, विशेष मोबाइल बल स्क्वाड्रन और पुलिस हेलिकॉप्टर स्क्वाड्रन का दौरा शामिल है। पुलिस आयुक्त पुलिस मुख्यालय में आईओएस सागर के बहुराष्ट्रीय चालक दल के साथ भी बातचीत करेंगे। जहाज 27 अप्रैल 2025 को आगंतुकों के लिए खुला रहेगा। पोर्ट लुइस में जहाज के ठहरने के दौरान ट्रेकिंग, संयुक्त योग सत्र और मैत्रीपूर्ण खेल आयोजन जैसी गतिविधियों की भी योजना बनाई गई है।

प्रस्थान के समय, जहाज एनसीजी मॉरीशस के साथ संयुक्त ईईजेड निगरानी के चरण II का कार्य करेगा तथा पूरा होने पर पोर्ट विक्टोरिया, सेशेल्स के लिए रवाना होगा।

आईएनएस सुनयना, एक अत्याधुनिक सरयू श्रेणी का एनओपीवी है, जिसे समुद्री डकैती विरोधी अभियानों, समुद्री निगरानी और एचएडीआर के लिए डिजाइन किया गया है। यह जहाज मध्यम और नजदीकी रेंज के गनरी हथियारों और मिसाइल रक्षा उपायों सहित आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों से सुसज्जित है। यह एक हेलिकॉप्टर भी ले जा सकता है, जो इसकी परिचालन और निगरानी क्षमता को बढ़ाता है।

स्रोत: पीआईबी

 (अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है; शेष सामग्री एक सिंडिकेटेड फ़ीड से स्वतःउत्पन्न हुआ है।)

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