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प्रधानमंत्री ने बिहार के औरंगाबाद में 21,400 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार के औरंगाबाद में 21,400 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और आधारशिला रखी। आज की विकास परियोजनाओं में सड़क, रेलवे और नमामि गंगे सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने फोटो गैलरी का भी अवलोकन किया।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस औरंगाबाद ने अनेक स्वतंत्रता सेनानियों और बिहार विभूति श्री अनुग्रह नारायण जैसी महान हस्तियों को जन्म दिया है, उस धरती पर आज बिहार के विकास का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक बिहार की झलक दिखाने वाली सड़क और रेल समेत करीब 21,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया जा रहा है। आमस-दरभंगा फोर लेन कॉरिडोर, दानापुर-बिहटा फोर लेन एलिवेटेड रोड और पटना रिंग रोड के शेरपुर-दिघवारा फेज के शिलान्यास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं को समय पर पूरा करना और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करना भी वर्तमान सरकार की पहचान है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत आरा बाईपास रेल लाइन और बारह परियोजनाओं का शिलान्यास करने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “यह मोदी की गारंटी है”।   प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के लोग, विशेष रूप से औरंगाबाद के नागरिक वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इससे उत्तर प्रदेश और कोलकाता की यात्रा का समय कुछ कम हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने वर्तमान सरकार की कार्यशैली पर प्रकाश डाला और आज की विकास परियोजनाओं के लिए बिहार के लोगों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने जन नायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्हें हाल ही में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को यह सम्मान पूरे बिहार का सम्मान है। उन्होंने अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का भी उल्लेख किया और कहा कि अब माता सीता की भूमि पर आना बहुत खुशी की बात है। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा में बिहार के लोगों के भारी उत्साह और खुशी भरी भागीदारी का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने राज्य में डबल इंजन सरकार की बहाली का जिक्र करते हुए कहा कि आज बिहार उत्साह और आत्मविश्वास से भरा है। प्रधानमंत्री ने बिहार में वंशवाद की राजनीति को हाशिए पर डालने पर भी टिप्पणी की।

विकास परियोजनाओं के पैमाने की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह डबल इंजन सरकार के तहत परिवर्तन की गति का संकेत है।  उन्होंने कहा कि सड़क परियोजनाएं पटना, नालंदा, जहानाबाद, गया, वैशाली, समस्तीपुर और दरभंगा जैसे शहरों की तस्वीर बदल देंगी। इसी तरह, बोधगया, विष्णुपद, राजगीर, नालंदा, वैशाली और पावापुरी भी पर्यटक स्थल हैं। उन्होंने बताया कि आगामी दरभंगा हवाई अड्डे और बिहटा हवाई अड्डों को भी इस सड़क बुनियादी ढांचे से जोड़ा जाएगा।

बिहार के पर्यटन क्षेत्र में बदलाव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने वंदे भारत और अमृत भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चलाने और अमृत भारत स्टेशनों के विकास का उल्लेख किया। श्री मोदी ने नागरिकों में असुरक्षा की भावना के चलते युवाओं के प्रवासन के दिनों को भी याद किया और आज के युग पर प्रकाश डाला जहां युवाओं को कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए करीब 200 करोड़ रुपये के यूनिटी मॉल के शिलान्यास का भी जिक्र किया और कहा कि यह राज्य के लिए एक नई दिशा और सकारात्मक सोच का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम बिहार को पुराने समय में वापस नहीं जाने देंगे, यह एक गारंटी है।

प्रधानमंत्री ने गरीबों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और वंचितों पर सरकार के खास फोकस के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि बिहार तभी विकसित होगा जब बिहार के गरीबों का विकास होगा। उन्होंने बताया कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ करीब 9 करोड़ लाभार्थी ले रहे हैं। बिहार की 1 करोड़ महिलाओं ने उज्ज्वला गैस कनेक्शन का लाभ उठाया  है। 90 लाख किसान पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी हैं और उनके खातों में 22,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 साल पहले तक केवल 2 प्रतिशत घरों को नल का जल मिल रहा था लेकिन अब 90 प्रतिशत से अधिक घरों में नल का जल मिल रहा है। बिहार में 80 लाख आयुष्मान कार्ड धारक हैं। उन्होंने कहा कि N उत्तर कोयल जलाशय योजना जल्द ही पूरी हो जाएगी, जिससे बिहार और झारखंड के 4 जिलों में 1 लाख हेक्टेयर खेतों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार का विकास, शांति, कानून और व्यवस्था का शासन, और बिहार में बहनों और बेटियों को अधिकार – यह मोदी की गारंटी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन का समापन अपनी सरकार के तीसरे कार्यकाल में इन गारंटियों को पूरा करने और विकसित बिहार बनाने के लिए काम करने का विश्वास व्यक्त करते हुए किया। प्रधानमंत्री के अनुरोध पर, वहां उपस्थित लोगों ने विकास के उत्सव का जश्न मनाने के लिए अपने मोबाइल फ्लैशलाइट जलाए।

इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र वी आर्लेकर और बिहार के मुख्यमंत्री  श्री नीतीश कुमार, बिहार के उप- मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी और श्री विजय कुमार सिन्हा सहित संसद सदस्य, विधानसभा सदस्य और बिहार सरकार के मंत्री उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने 18,100 करोड़ रुपये से अधिक की कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें एनएच-227 का 63.4 किलोमीटर लंबा दो लेन वाला जयनगर-नरहिया खंड; एनएच-131जी पर कन्हौली से रामनगर तक छह लेन की पटना रिंग रोड का खंड; किशनगंज शहर में मौजूदा फ्लाईओवर के समानांतर 3.2 किलोमीटर लंबा दूसरा फ्लाईओवर;  47 किलोमीटर लंबी बख्तियारपुर-रजौली को चार लेन का बनाना और एनएच-319 के 55 किलोमीटर लंबे आरा-पररिया खंड को चार लेन का बनाना शामिल है।

प्रधानमंत्री ने छह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें आमस से शिवरामपुर ग्राम तक 55 किलोमीटर लंबे चार-लेन पहुंच- नियंत्रित ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण; शिवरामपुर से रामनगर तक 54 किलोमीटर लंबा चार-लेन पहुंच-नियंत्रित ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; कल्याणपुर ग्राम से बलभदरपुर ग्राम तक 47 किलोमीटर लंबा चार लेन पहुंच-नियंत्रित ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; बलभदरपुर से बेला नवादा तक 42 किलोमीटर लंबा चार लेन पहुंच-नियंत्रित ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; दानापुर-बिहटा खंड से 25 किलोमीटर लंबा चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर और बिहटा-कोइलवर खंड के मौजूदा दो लेन से चार लेन कैरिजवे का उन्नयन शामिल है। इन सड़क परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में सुधार होगा, यात्रा का समय कम होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।

प्रधानमंत्री ने गंगा नदी पर छह लेन पुल की आधारशिला भी रखी, जिसे पटना रिंग रोड के एक हिस्से के रूप में विकसित किया जाएगा। यह पुल देश के सबसे लंबे नदी पुलों में से एक होगा। इस परियोजना से पटना शहर में यातायात की भीड़ कम होगी और बिहार के उत्तरी तथा दक्षिणी हिस्सों के बीच तेज और बेहतर कनेक्टिविटी होगी, जिससे पूरे क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।

प्रधानमंत्री ने बिहार में नमामि गंगे योजना के तहत लगभग 2,190 करोड़ रुपये की लागत से विकसित बारह परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में सैदपुर और पहाड़ी में सीवेज उपचार संयंत्र; सैदपुर, बेउर, पहाड़ी जोन आईवीए के लिए सीवरेज नेटवर्क; करमालीचक में सीवर नेटवर्क के साथ सीवरेज प्रणाली; पहाड़ी जोन V में सीवरेज योजना और बाढ़, छपरा, नौगछिया, सुल्तानगंज तथा सोनपुर शहर में अवरोधन, डायवर्जन और सीवेज उपचार संयंत्र शामिल हैं। ये परियोजनाएं कई स्थानों पर गंगा नदी में छोड़े जाने से पहले अपशिष्ट जल का उपचार सुनिश्चित करती हैं, जिससे नदी की स्वच्छता को बढ़ावा मिलता है और क्षेत्र के लोगों को लाभ होता है।

प्रधानमंत्री ने पटना में यूनिटी मॉल की आधारशिला रखी। 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित होने वाले इस  मॉल की कल्पना एक अत्याधुनिक सुविधा के रूप में की गई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय डिजाइन और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस मॉल को आरामदायक और सौंदर्य से परिपूर्ण किया जाएगा। इस मॉल में सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और बिहार के जिलों के लिए समर्पित स्थान प्रदान किया जाएगा, जहां वे अपने अद्वितीय उत्पादों और शिल्प कौशल का प्रदर्शन कर सकेंगे। इस मॉल में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 36 बड़े स्टॉल और बिहार के प्रत्येक जिले के लिए 38 छोटे स्टॉल होंगे। यह यूनिटी मॉल स्थानीय विनिर्माण और एक जिला एक उत्पाद, भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों और बिहार सहित पूरे भारत के हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देगा। इस परियोजना से रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास और राज्य से निर्यात के मामले में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने बिहार में तीन रेलवे परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इसमें पाटलिपुत्र से पहलेजा रेलवे लाइन का दोहरीकरण; बंधुआ-पैमार के बीच 26 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का विकास और गया में एक मेमू शेड का निर्माल शामिल है। प्रधानमंत्री ने आरा बाईपास रेल लाइन का भी शिलान्यास किया। इन रेल परियोजनाओं से बेहतर रेल कनेक्टिविटी होगी, लाइन क्षमता और ट्रेनों की गतिशीलता में सुधार होगा और क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

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