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प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के नासिक में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानन्द और राजमाता जीजाबाई के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य की टीम द्वारा किए गए मार्च पास्ट और ‘विकसित भारत@2047 – युवा के लिए, युवा के द्वारा’ थीम पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम को भी देखा, जिसमें लयबद्ध जिमनास्टिक, मल्लखंब, योगासन और राष्ट्रीय युवा महोत्सव गीत आदि शामिल थे।

उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन भारत की युवा शक्ति का दिन है और उन स्वामी विवेकानन्द के महान व्यक्तित्व को समर्पित है, जिन्होंने गुलामी के कालखंड में देश को नई ऊर्जा और उत्साह से भर दिया था। श्री मोदी ने स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर आयोजित किए जाने वाले राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सभी युवाओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारत की महिला शक्ति की प्रतीक राजमाता जीजाबाई की जयंती का उल्लेख करते हुए इस अवसर पर महाराष्ट्र में उपस्थित रहने के लिए अपना आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि यह केवल संयोग मात्र नहीं है कि महाराष्ट्र की भूमि ने इतने महान व्यक्तियों को जन्म दिया है बल्कि यह पुण्य और वीर भूमि का प्रभाव भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, इस भूमि ने राजमाता जीजाबाई जैसी महान हस्तियों के माध्यम से छत्रपति शिवाजी को जन्म दिया और इसने देवी अहिल्याबाई होल्कर और रमाबाई अंबेडकर जैसी महान महिला नेताओं और लोकमान्य तिलक, वीर सावरकर, अनंत कान्हेरे, दादासाहेब पोतनिस और चापेकर बंधु जैसे महान हस्तियों को भी जन्म दिया है। प्रधानमंत्री ने इन महान हस्तियों की धरा हो नमन करते हुए कहा, “भगवान श्री राम ने पंचवटी, नासिक की भूमि में बहुत समय बिताया था।” इस वर्ष 22 जनवरी से पहले देश के स्वच्छता अभियान चलाने और सभी पूजा स्थलों की साफ-सफाई करने के अपने आह्वान का स्मरण करते हुए, प्रधानमंत्री ने नासिक में श्री कालाराम मंदिर में दर्शन और पूजा करने का भी उल्लेख किया। उन्होंने इस बात को दोहराया कि देश के सभी मंदिरों, धार्मिक स्थलों और तीर्थस्थलों में स्वच्छता अभियान चलाने और जल्दी ही होने वाले श्री राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह से पहले इस कार्य में योगदान करने की आवश्यकता है।

युवाशक्ति को सर्वोपरि रखने की परंपरा पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री अरबिंदो और स्वामी विवेकानंद का संदर्भ देते हुए दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में भारत के प्रवेश का श्रेय युवा शक्ति को दिया। उन्होंने देश की युवा शक्ति की अभिव्यक्ति के रूप में भारत के शीर्ष तीन  स्टार्टअप इको-सिस्टम में शामिल होने, रिकॉर्ड संख्या में पेटेंट होने तथा एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनने का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि ‘अमृत काल’ का वर्तमान क्षण भारत के युवाओं के लिए एक विशिष्ट क्षण है। एम विश्वेश्वरैया, मेजर ध्यानचंद, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, बटुकेश्वर दत्त, महात्मा फुले, सावित्री बाई फुले जैसी हस्तियों के युग-परिभाषित योगदान का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने युवाओं को ‘अमृत काल’ के दौरान इसी प्रकार की जिम्मेदारियों से काम करने का स्मरण कराया। उन्होंने युवाओं से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काम करने का अनुरोध किया। इस विशेष अवसर के आलोक में प्रधानमंत्री ने कहा कि “मैं आपको भारत के इतिहास की सबसे भाग्यशाली पीढ़ी मानता हूं। मैं यह जानता हूं कि भारत के युवा इस लक्ष्य को अर्जित कर सकते हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि, जिस गति से युवा माई-भारत पोर्टल से जुड़ रहे हैं, उस पर मुझे पूरा संतोष है। 75 दिनों की कम अवधि में ही 1.10 करोड़ युवाओं ने इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।

यह देखते हुए कि वर्तमान सरकार ने युवाओं को अवसरों का एक उपलब्ध कराया है और उनके लिए भारत ने, सभी बाधाओं को दूर कर दिया है तथा सरकार ने सत्ता में अपने 10 साल पूरे कर लिए हैं, प्रधानमंत्री ने शिक्षा, रोजगार, उद्यमिता, उभरते हुए क्षेत्र, स्टार्टअप, कौशल और खेल जैसे क्षेत्रों में एक आधुनिक और गतिशील ईको-सिस्टम के विकास का उल्लेख किया। उन्होंने नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन, आधुनिक कौशल ईको-सिस्टम के विकास, कलाकारों और हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन, पीएम कौशल विकास योजना के साथ करोड़ों युवाओं के कौशल विकास और देश में नए आईआईटी और एनआईटी की स्थापित करने के बारे में भी बात की। श्री मोदी ने युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने का जिक्र करते हुए कहा, “दुनिया भारत को एक नई कौशल शक्ति के रूप में देख रही है”, जो दुनिया के सामने अपने कौशल का प्रदर्शन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, ऑस्ट्रिया आदि देशों के साथ किए गए मोबिलिटी समझौतों से देश के युवाओं को काफी लाभ हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की कि, आज युवाओं के लिए अवसरों का नया क्षितिज खुल रहा है और सरकार उसके लिए पूरी शक्ति से काम कर रही है.” प्रधानमंत्री ने ड्रोन, एनीमेशन, गेमिंग, कमिंग, विजुअल इफेक्ट्स, परमाणु, अंतरिक्ष और मैपिंग क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में बनाए जा रहे सक्षम वातावरण का उल्लेख किया। मौजूदा सरकार के तहत हो रही तेजी से प्रगति का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि राजमार्गों, आधुनिक ट्रेनों, विश्वस्तरीय हवाई अड्डों, टीकाकरण प्रमाण-पत्रों जैसी डिजिटल सेवाओं और किफायती डेटाओं में हो रही वृद्धि, देश के युवाओं के लिए नए रास्ते खोल रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि “आज देश का मूड और शैली युवा हैं”। उन्होंने कहा कि आज के युवा पीछे नहीं हटते बल्कि आगे बढ़ते हैं। इसलिए, भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी देश बन गया है,  इस बारे में उन्होंने सफल चंद्रयान 3 और आदित्य एल 1 मिशनों के उदाहरण दिये। उन्होंने ‘मेड इन इंडिया’ आईएनएस विक्रांत, स्वतंत्रता दिवस के दौरान औपचारिक बंदूक सलामी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्वदेश निर्मित तोप और तेजस लड़ाकू विमानों का भी उल्लेख किया। अन्य पहलुओं के अलावा, प्रधानमंत्री ने छोटी दुकानों से लेकर बड़े से बड़े शॉपिंग मॉल में यूपीआई या डिजिटल भुगतान के व्यापक उपयोग का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने के लिए इस अमृत काल में भारत को आगे ले जाने का आग्रह करते हुए कहा, “अमृत काल का आगमन भारत के लिए गर्व से भरा है।”

प्रधानमंत्री ने युवा पीढ़ी से कहा कि यह समय उनके सपनों को नये पंख देने का है. “अब हमें सिर्फ चुनौतियों पर ही पार नहीं पाना है बल्कि हमें अपने लिए नई चुनौतियां तय करनी होंगी।” प्रधानमंत्री ने यह बात 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के नए लक्ष्य, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना, विनिर्माण का केंद्र बनना और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए काम करना और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने जैसी जिम्मेदारियों को सूचीबद्ध करते हुए कही।

युवा पीढ़ी पर अपने विश्वास के आधार के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अवधि के दौरान देश में, एक ऐसी युवा पीढ़ी तैयार हो रही है, जो गुलामी के दबाव और प्रभाव से पूरी तरह मुक्त है। इस पीढ़ी के युवा आत्मविश्वास से यह कह रहे हैं- विकास भी है और विरासत भी।” उन्होंने कहा कि आज दुनिया योग और आयुर्वेद का महत्व पहचान रही है और भारत के  युवा योग और आयुर्वेद के ब्रांड एंबेसडर बन रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने युवाओं से अपने दादा-दादी से उनके समय में बाजरे की रोटी, कोदो-कुटकी, रागी-ज्वार की खपत के बारे में पूछताछ करने का आग्रह करते हुए कहा कि यह गुलामी की मानसिकता थी जिसके कारण इस भोजन को गरीबी से जोड़ा गया और यह भोजन भारतीय रसोइयों तक पहुंचा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने बाजरा और मोटे अनाज को सुपरफूड के रूप में एक नई पहचान दी है, जिससे इनकी भारतीय घरों में श्रीअन्न के रूप में वापसी हुई है। “अब आपको इन मोटे अनाजों का ब्रांड एंबेसडर बनना होगा। इन खाद्यान्न से आपका स्वास्थ्य भी बेहतर होगा और देश के छोटे किसानों को भी लाभ होगा।”

प्रधानमंत्री ने युवाओं से राजनीति के माध्यम से देश की सेवा करने के लिए कहा। उन्होंने उस आशा का उल्लेख किया जिसे विश्व नेता आजकल भारत से रखते हैं। “इस आशा के कई कारण हैं, – भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी जितनी अधिक होगी, देश का भविष्य उतना ही बेहतर होगा।” उन्होंने सुझाव दिया कि उनकी भागीदारी वंशवाद की राजनीति को समाप्त कर देगी। उन्होंने युवाओं से मतदान के जरिये अपनी राय व्यक्त करने के लिए भी कहा। पहली बार मतदाता बने युवाओं से उन्होंने कहा, “पहली बार के मतदाता हमारे लोकतंत्र में नई ऊर्जा और ताकत ला सकते हैं।”

प्रधानमंत्री ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा, ”अमृत काल के आने वाले 25 वर्ष आपके लिए कर्तव्य काल हैं”, ”जब आप अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखेंगे, तो समाज भी आगे बढ़ेगा और देश भी आगे बढ़ेगा।” लाल किले से किए गए अपने अनुरोध का स्मरण करते हुए, प्रधानमंत्री ने युवाओं से स्थानीय उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने, केवल देश में निर्मित उत्पादों का उपयोग करने, किसी भी प्रकार की नशीली दवाओं और लत से दूर रहने, माताओं, बहनों और बेटियों के नाम पर अपमानजनक शब्दों के उपयोग के खिलाफ आवाज उठाने और ऐसी बुराइयों को समाप्त करने का आग्रह किया।

अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने यह विश्वास व्यक्त किया कि भारत के युवा पूरी निष्ठा और क्षमता के साथ हर जिम्मेदारी को निभाएंगे। हमने “सशक्त, समर्थ और सक्षम भारत के सपने को साकार करने के लिए, जो दीपक जलाया है, वह अमर ज्योति बनकर इस अमर युग में दुनिया को रोशन करेगा।”

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री, श्री देवेन्द्र फड़णवीस और श्री अजीत पवार, केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री, श्री अनुराग सिंह ठाकुर और केंद्रीय खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री, श्री निसिथ प्रमाणिक तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का यह निरंतर प्रयास रहा है कि युवाओं को देश की विकास यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जाए। इसी प्रयास के क्रम में, प्रधानमंत्री ने नासिक में आयोजित 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव (एनवाईएफ) का उद्घाटन किया।

राष्ट्रीय युवा महोत्सव हर वर्ष 12 से 16 जनवरी तक आयोजित किया जाता है, 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती होती है। इस वर्ष इस महोत्सव की मेजबानी महाराष्ट्र कर रहा है। इस वर्ष के महोत्सव का विषय – विकसित भारत@2047 है: युवाओं के लिए, युवाओं के द्वारा है।

राष्ट्रीय युवा महोत्सव एक ऐसे मंच का निर्माण करना चाहता है, जहां भारत के विभिन्न क्षेत्रों के युवा एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना में अपने अनुभव साझा कर सकें और एकजुट होकर राष्ट्र की नींव मजबूत कर सकें। नासिक में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में देश भर से लगभग 7500 युवा प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस महोत्सव में सांस्कृतिक प्रदर्शन, स्वदेशी खेल, भाषण और विषयगत आधारित प्रस्तुतियां, युवा कलाकार शिविर, पोस्टर मेकिंग, कहानी लेखन, युवा सम्मेलन, खाद्य महोत्सव सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

 

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