धर्म

बसंत पंचमी, माँ सरस्वती पूजा विधि, विवाह के मुहूर्त

 मंदिरों से लेकर घरों तक कमल पर विभूषित सितार वादक सरस्वती की पूजा माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी गुरुवार को की जाएगी। जगह-जगह होम-हवन, पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान होंगे। वहीं अबूझ मुहूर्त पर शहर में कई शहनाईयां बजेंगी। हर तरफ त्योहार की तैयारियां जोरों पर थीं।

करौंदी वाली माता, श्री लहर सिद्धपीठ, श्री श्री सिद्धेश्वर सिद्धपीठ, श्री काली सिद्ध पीठ, श्री श्री पंचकुइया वाली माता, कैमासन माता, मैमासन माता, सहित अन्य मंदिरों में सुबह मां की विशेष पूजा होगी।  वहीं लोगों को अपने घरों में पूजा-पाठ कर सुख-समृद्धि की कामना करनी चाहिए। महाआरती की जाएगी। महंत विष्णु दत्त स्वामी जिला धर्माचार्य  के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष पंचमी को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. यह विवाह के लिए  शुभ मुहूर्त है। इस दिन किए गए विवाह बहुत शुभ होते हैं। मां सरस्वती की पूजा लोगों को करनी चाहिए। पीले फूल अर्पित करें। मां सरस्वती की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं ऐसा ज्योतिषियों ने बताया। जमीन का क्रय-विक्रय, व्यापार की शुरुआत, खरीदारी शुभ रहेगी।

सुबह सिद्धेश्वर मंदिर में मां सरस्वती का पूजन किया जाएगा ऐसा महानगर धर्माचार्य हरिओम पाठक ने बताया, इसके बाद होम-हवन, पूजन होगा। विशेष अनुष्ठान होंगे। वहीं पंचकुइयां वाली माता, काली सिद्ध पीठ, लहर वाली माता, कारगिल पार्क स्थित माता मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, कैमासन माता, ममसन माता, करौंदी वाली माता, कारगिल पार्क स्थित दुर्गा माता मंदिर, अंजनी माता मंदिर स्थित कारगिल पार्क पंचवटी कॉलोनी में गुरुवार की सुबह पूजा की जाती है। विशेष श्रृंगार होगा। आरती होगी। फिर होम-हवन किया जाएगा। वहीं कई शिक्षण संस्थानों में भी मां सरस्वती की पूजा की जाएगी।

विवाह मुहूर्त के लिए बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त है। इसलिए शहर की शहनाई की गूंज होगी। कई जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। दूल्हे घोड़ी पर चढ़ेंगे और दुल्हनों की डोली उठेगी। गहोई समाज के बैनर तले गुरुवार को गहोई सभागार में वैवाहिक सम्मेलन होगा। वर-वधू को आशीर्वाद के रूप में उपहार दिए जाएंगे। सामूहिक विवाह महायज्ञ का आयोजन समाज व संस्था द्वारा किया जाएगा। 09 विवाह पंजीकरण हो चुका है।

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