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भारत-नेपाल संयुक्त सैन्याभ्यास सूर्य किरण

17वें संयुक्त सैन्याभ्यास सूर्य किरण में हिस्‍सा लेने के लिए 334 सैन्‍य कर्मियों वाली नेपाल सेना की एक टुकड़ी भारत पहुंची है। यह अभ्यास 24 नवंबर से 07 दिसंबर 2023 तक उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आयोजित किया जाएगा। यह एक वार्षिक कार्यक्रम है और दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।

354 सैन्‍य कर्मियों वाली भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ नेपाल सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व तारा दल बटालियन कर रही है।

सैन्‍याभ्यास का उद्देश्य शांति स्थापना अभियानों पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मुताबिक जंगल युद्ध, पर्वतीय इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत में संचालन प्रक्रिया को बढ़ाना है। यह सैन्‍याभ्यास ड्रोनों की तैनाती और ड्रोन-रोधी उपायों, चिकित्सा प्रशिक्षण, विमानन पहलुओं और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित होगा। इन गतिविधियों के माध्यम से, सैनिक अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाएंगे, अपने युद्ध कौशल को निखारेंगे और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपने समन्वय को मजबूत करेंगे।

यह सैन्‍याभ्यास भारत व नेपाल के सैनिकों को विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच उपलब्‍ध करेगा, उत्‍कृष्‍ट व्‍यवहारों को साझा करेगा और एक-दूसरे की परिचालन प्रक्रियाओं की गहरी समझ को बढ़ावा देगा।

सूर्य किरण सैन्‍याभ्यास भारत और नेपाल के बीच वर्तमान मैत्री, विश्वास, आम सांस्कृतिक संबंधों के मजबूत बंधन का प्रतीक है। यह व्यापक रक्षा सहयोग के प्रति दोनों देशों की अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए एक उत्पादक और फलदायी जुड़ाव के लिए मंच तैयार करता है। इस अभ्यास का उद्देश्य साझे सुरक्षा लक्ष्‍यों को प्राप्त करना और दो मित्रवत पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना है।

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

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