योग वैश्विक सद्भाव का साधन है, इसे सार्वजनिक नीति का हिस्सा बनाया जाना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी
11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरे देश और दुनिया भर में बड़े उत्साह और व्यापक भागीदारी के साथ मनाया गया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अलग-अलग स्थानों पर योग सत्रों में हिस्सा लेकर समारोह का नेतृत्व किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड के देहरादून में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने विश्व मंच पर योग को बढ़ावा देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सुंदर समुद्र तट पर कॉमन योग प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 45 मिनट के योग सत्र में भाग लिया, जिसमें तीन लाख से अधिक उत्साही लोगों ने भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री मोदी ने योग को वैश्विक सद्भाव के साधन के रूप में महत्व दिया और प्रत्येक राष्ट्र से योग को अपनी जीवनशैली और सार्वजनिक नीति में शामिल करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक लेख भी साझा किया, जिसमें महिलाओं और बच्चों के कल्याण की नीतियों में योग को शामिल करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया, जिससे पूरे देश में जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य और कल्याण में वृद्धि हुई।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक पोस्ट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल कल्याण नीतियों में योग को शामिल करने से पूरे भारत में जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार हो रहा है।
ज्ञात हो की प्रधानमंत्री ने एक लेख साझा किया कि किस तरह योग को महिला एवं बाल कल्याण नीतियों में शामिल करने से देशभर में जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य एवं कल्याण को बढ़ावा मिल रहा है।
स्रोत: पीआईबी
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