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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए

प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार सुश्री वहीदा रहमान को प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर, केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चन्द्र, जूरी के अध्यक्ष और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने सुश्री वहीदा रहमान को बधाई दी और कहा कि उन्होंने अपनी कला और व्यक्तित्व से फिल्म उद्योग के शिखर पर खुद को स्थापित किया है। अपने निजी जीवन में भी उन्होंने एक गरिमा, आत्मविश्वास और मौलिकता से ओत-प्रोत महिला की पहचान बनाई। उन्होंने कई फिल्में ऐसी चुनीं जिनमें उनकी भूमिकाओं ने आमतौर पर महिलाओं से जोड़ी जाने वाली कई सीमाओं को तोड़ा। वहीदा जी ने एक मिसाल कायम की है कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को खुद भी पहल करनी चाहिए।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के बारे में बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह पुरस्कार समारोह भारत की विविधता और उसमें निहित एकता की तस्वीर पेश करता है। उन्होंने कहा कि समारोह में उपस्थित प्रतिभाशाली लोगों ने कई भाषाओं, क्षेत्रीय विशेषताओं, सामाजिक मान्यताओं, उपलब्धियों और समस्याओं को सार्थक अभिव्यक्ति दी है और यह कि इन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में कई पीढ़ियों और वर्गों के लोग एक साथ आए हैं।

फिल्म जगत और कलाकारों को परिवर्तन का वाहक बताते हुए, उन्होंने कहा कि वे अपनी फिल्मों के माध्यम से भारतीय समाज की विविध वास्तविकता का जीवंत परिचय देते हैं। उन्होंने कहा कि सिनेमा हमारे समाज का एक दस्तावेज भी है और उसे बेहतर बनाने का एक माध्यम भी और उनका काम लोगों को एक-दूसरे से जोड़ता है।

श्रीमती मुर्मु ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रतिभा से समृद्ध इस देश में सिनेमा से जुड़े लोग विश्वस्तरीय उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करते रहेंगे और फिल्में विकसित भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी।

केन्द्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय फिल्म उद्योग पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि आज कुछ भी क्षेत्रीय नहीं है, यदि सामग्री अच्छी हो तो क्षेत्रीय सामग्री को भी वैश्विक स्तर पर दर्शक मिलेंगे। दिग्गज अभिनेत्री सुश्री वहीदा रहमान के बारे में बोलते हुए, श्री ठाकुर ने कहा कि चूंकि भारतीय फिल्में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से परे जाती हैं, इसलिए इसी प्रकार की प्रसिद्धि का दावा उनके संदर्भ में भी है। उन्होंने उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई दी।

श्री अनुराग ठाकुर ने श्रोताओं को सूचित किया कि सरकार फिल्म पाइरेसी से निपटने के अपने प्रयासों में फिल्म उद्योग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। सरकार ने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम पेश किया है, जो इस खतरे को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है। श्री अनुराग ठाकुर ने भारत में एवीजीसी क्षेत्र की क्षमता के बारे में बात की और कहा कि सरकार इस क्षेत्र के लिए एक नीति लाने जा रही है और इससे भारत को ‘दुनिया का कंटेंट केंद्र’ के रूप में अपनी क्षमता का उपयोग करने में मदद मिलेगी।

सचिव, श्री अपूर्व चन्द्र ने बताया कि पुरस्कार वर्ष 2021 के लिए प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का वर्ष के दौरान सिनेमा हॉल बंद रहे थे और फिल्म उद्योग संघर्ष कर रहा था। हालाँकि, हमने जल्द ही वापसी की। अब देश और फिल्म उद्योग दोनों ही विकास की राह पर वापस आ गए हैं और पिछली तिमाही भारत के फिल्म उद्योग के लिए सबसे अच्छी रही है। उन्होंने कहा कि जहां बॉक्स ऑफिस पर सफलता महत्वपूर्ण है, वहीं फिल्म पुरस्कार गुणवत्ता का उत्सव मनाते हैं। श्री अपूर्व चन्द्र ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार स्वीकार करने के लिए सुश्री वहीदा रहमान का आभार व्यक्त किया।

जूरी में भारतीय सिने-जगत के प्रख्यात फिल्म निर्माता और फिल्मी हस्तियां शामिल थीं। पुरस्कारों की घोषणा श्री केतन मेहता, अध्यक्ष, फीचर फिल्म्स जूरी, श्री वसंत एस साई, अध्यक्ष, गैर-फीचर फिल्म जूरी, श्री यतींद्र मिश्रा,सिनेमा जूरी पर सर्वश्रेष्ठ लेखनद्वारासूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुश्री नीरजा शेखर की उपस्थिति में की गई।

सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार ‘रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट’ को दिया गया है और सृष्टि लखेरा द्वारा निर्देशित ‘एक था गांव’ने सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार हासिल किया है।

‘द कश्मीर फाइल्स’ को राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जबकि ‘आरआरआर’ को संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार मिला है।

अल्लू अर्जुन ने फिल्म पुष्पा (द राइज पार्ट I) में अपने शानदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता है, जबकि आलिया भट्ट और कृति सैनन क्रमशः ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ और ‘मिमी’ के लिएसर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार की संयुक्त विजेता बनीं हैं।

पुरस्कारों की पूरी सूची नीचे दिए गए लिंक पर उपलब्ध है    

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

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