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लंबे समय तक वेतन समझौता FACT कर्मचारियों के लिए जश्न मनाने का एक कारण है

लंबे समय तक वेतन समझौता FACT कर्मचारियों के लिए जश्न

लंबे समय तक वेतन समझौता FACT कर्मचारियों के लिए जश्न Photo Credit: Dreamstime

FACT  के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) किशोर रूंगटा ने कहा है कि लंबी अवधि के वेतन समझौते का समझौता और 4 जनवरी को समझौते पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव कर्मचारियों के लिए जश्न मनाने का कारण है।

उन्होंने कहा कि वेतन संशोधन पर्याप्त था। श्री रूंगटा ने कहा कि संशोधित वेतन दिसंबर महीने के वेतन के साथ वितरित कर दिया गया है।

कंपनी प्रबंधन और ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि, जो वेतन में संशोधन और एक दीर्घकालिक समझौते की मांग कर रहे हैं, 4 जनवरी को अंतिम सुलह पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे। दीर्घकालिक वेतन समझौते पर 26 दिसंबर को हस्ताक्षर किए गए थे।

नए समझौते के अनुसार, कंपनी के कर्मचारियों के मूल वेतन के साथ-साथ महंगाई भत्ते में भी बढ़ोतरी होगी। प्रबंधन के अनुसार, कर्मचारियों को उनके ग्रेड के अनुसार 8,850 रुपये से 17,000 रुपये के बीच मूल वेतन में बढ़ोतरी मिलेगी। हाउस रेंट अलाउंस में भी बढ़ोतरी होगी।

केंद्र सरकार की मंजूरी के अनुसार संशोधित वेतन और वेतन का भुगतान 1 अप्रैल, 2022 से पूर्वव्यापी प्रभाव से किया जाएगा। वेतन और वेतन में संशोधन आता है क्योंकि कंपनी ने पिछले चार वर्षों से लाभ में काम किया है। कंपनियों के लिए नए नियमों के मुताबिक लगातार तीन साल से लाभ में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां कर्मचारियों के वेतन में संशोधन कर सकती हैं।

FACT संशोधित वेतन के कारण ₹27 करोड़ का अतिरिक्त खर्च देखेगा। श्री रूंगटा ने कहा कि महामारी के दौरान कंपनी द्वारा सामना किए गए बाधाओं और असफलताओं के बावजूद, FACT को चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग ₹6,000 करोड़ का रिकॉर्ड बिक्री कारोबार हासिल करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘हमें आने वाले साल में भी रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद है।’

इस बीच, FACT वर्कर्स ऑर्गनाइजेशन (स्वतंत्र संघ) ने दीर्घकालिक वेतन समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसके महासचिव जॉर्ज थॉमस ने कहा कि एफएसीटी के कर्मचारियों को अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में उनके समकक्षों के भुगतान के रूप में सभी लाभ नहीं मिले हैं।

इस प्रकार लंबी अवधि के वेतन समझौते पर FACT संयुक्त समारा समिति के तहत आठ में से सात ट्रेड यूनियनों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसने लंबी अवधि के वेतन समझौते की मुखर मांग की थी।

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