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विकसित भारत संकल्प यात्रा में 10 करोड़ से अधिक लोग शामिल

विकसित भारत संकल्प यात्रा ने आज एक बड़ा पड़ाव पार कर लिया। मात्र 50 दिनों की अल्प अवधि में 10 करोड़ से अधिक लोग यात्रा में शामिल हो चुके हैं। यह चौंका देने वाली संख्या विकसित भारत के साझा दृष्टिकोण के साथ देश भर के लोगों को एकजुट करने में यात्रा के गहरे प्रभाव और बेजोड़ क्षमता का संकेत देती है।

संयोग से, विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लेने वालों की संख्या ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली और दक्षिण अफ्रीका जैसे कुछ प्रमुख देशों की पूरी आबादी से भी अधिक है। यात्रा को मिला व्यापक समर्थन विकसित भारत के निर्माण के प्रति नागरिकों के दृढ़ समर्पण को दर्शाता है।

अरुणाचल प्रदेश के मुकुट रत्न, अंजाव से लेकर गुजरात के पश्चिमी तट पर देवभूमि द्वारका तक, लद्दाख की बर्फीली चोटियों पर चढ़ाई और अंडमान के फ़िरोज़ा तटों की शोभा बढ़ाने तक, विकसित भारत संकल्प यात्रा ने देश के सुदूरवर्ती इलाकों में समुदायों तक पहुंचकर सभी क्षेत्रों को गले लगाया है। इस यात्रा ने कल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने और लोगों को इनका सीधा लाभ देना सुनिश्चित कर,  भारत की विशालता में उत्साह और आशा की एक चिंगारी पैदा की है।

जनसंख्या के आँकड़े, स्रोत

15 नवम्‍बर, 2023 को इसकी शुरुआत के बाद से, 7.5 करोड़ से अधिक व्यक्तियों ने ” 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण की प्रतिबद्धता का- संकल्प” – लिया – कुछ ही हफ्तों में नागरिकों के बीच यात्रा तेजी से प्रभाव देखने को मिला।

यात्रा का प्रभाव गहरा और जीवन बदलने वाला है। 1.7 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं और यात्रा के दौरान स्वास्थ्य शिविरों में 2.2 करोड़ से अधिक नागरिकों की जांच की गई है। वित्तीय स्वतंत्रता की ओर कदम बढ़ाते हुए 7.5 लाख से अधिक लाभार्थियों ने पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उठाया है। यात्रा के दौरान 33 लाख से अधिक नए पीएम किसान लाभार्थियों का नामांकन किया गया है। 87000 से अधिक ड्रोन प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं जो किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं।

विकसित भारत संकल्प यात्रा सिर्फ एक मार्च से कहीं अधिक है; यह कार्य करने का एक शक्तिशाली आह्वान है जिसकी प्रतिध्‍वनि देश भर में गूंज रही है। बदलाव लाने के लिए आज किए गए प्रयास, एक समृद्ध भविष्य का वादा करते हैं। इस आंदोलन का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को सशक्त बनाना और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के करीब लाने का साहसिक संकल्प लेना है। यह इस बात पर जोर देता है कि विकसित भारत की ओर यात्रा एक व्यक्तिगत प्रयास नहीं है बल्कि सभी वर्गों के लोगों को शामिल करने का एक सामूहिक प्रयास है।

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

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