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वितस्ता – द फेस्टिवल ऑफ कश्मीर कार्यक्रम का आयोजन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर की समृद्ध संस्कृति, कला और शिल्प को प्रदर्शित करने वाली अद्भुत पहल “वितस्ता – द फेस्टिवल ऑफ कश्मीर” की सराहना की।

कश्मीर की समृद्ध कला, संस्कृति, साहित्य, शिल्प और व्यंजन को पूरे देश तक पहुंचाने के लिए वितस्ता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

चेन्नई से शुरू हुआ इन कार्यक्रमों का सिलसिला श्रीनगर में समाप्त हुआ, जिनमें युवाओं ने कश्मीरी संस्कृति के बारे में जानने के प्रति उत्साह दिखाया। कश्मीर की संस्कृति को लोगों तक पहुँचाने के लिए कार्यशालाएँ, कला स्थापना शिविर, सेमिनार, शिल्प प्रदर्शनी जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें लोगों ने भाग लिया और कश्मीर की संस्कृति से परिचित हुए।

वितस्ता कार्यक्रम के बारे में अमृत महोत्सव के ट्वीट थ्रेड का जवाब देते हुए, प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया;

“इस बेहतरीन पहल के लिए बहुत-बहुत बधाई। कई वर्षों के बाद हुए “वितस्ता – द फेस्टिवल ऑफ कश्मीर” से देशभर के लोगों को ना सिर्फ राज्य की समृद्ध संस्कृति और विरासत को जानने का मौका मिला है, बल्कि यह कार्यक्रम देशवासियों को भी एक सूत्र में पिरोने का शानदार प्रयास है।”

इस पहल से देश के प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश एक साथ जुड़े और विभिन्न भाषा, साहित्य, व्यंजन, त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पर्यटन आदि क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ विचारों का आदान प्रदान किया। वितस्ता – द फेस्टिवल ऑफ कश्मीर” के माध्यम से “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का नारा बुलंद हुआ, इससे भारत की एकता व अखंडता को और मजबूत मिली.. इसका उद्देश्य राष्ट्र की विविधता में एकता का निर्माण करना और हमारे देश के लोगों के बीच पारंपरिक रूप से विद्यमान भावनात्मक बंधनों के ताने-बाने को मजबूत करना है।

वर्ष 2015 में इसे विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिये लॉन्च किया गया था, जिससे विभिन्न संस्कृतियों के लोगों में आपसी समझ और बंधन को बढ़ाया जा सके।

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

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