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संसद का शीतकालीन सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

संसद का शीतकालीन सत्र

संसद का शीतकालीन सत्र

4 दिसंबर, 2023 को आरंभ हुआ संसद का शीतकालीन सत्र 21 दिसंबर, 2023 को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। सत्र में 18 दिनों की अवधि में 14 बैठकें हुईं।

सत्र के दौरान 12 विधेयक लोकसभा में पेश किए गए और 18 विधेयक लोकसभा द्वारा पारित किए गए तथा 17 विधेयक राज्यसभा द्वारा पारित किए गए। तीन विधेयक लोकसभा की अनुमति से वापस लिये गये, जबकि एक विधेयक राज्यसभा की अनुमति से वापस लिया गया। सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयकों की कुल संख्या 19 है।

सत्र के दौरान, 2023-24 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले खंड और 2020 -21 के लिए अतिरिक्त अनुदान की मांगों पर चर्चा की गई। तदुपरांत पूर्ण रूप से मतदान किया गया। संबंधित विनियोग विधेयकों को 12 दिसंबर, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया, उन पर करीब 05 घंटे 40 मिनट की बहस हुई और उन्हें पारित किया गया। राज्यसभा ने इन विधेयकों को लगभग 22 मिनट की बहस के बाद 19 दिसंबर, 2023 को वापस कर दिया।

पीड़ित-केंद्रित न्याय सुनिश्चित करने के लिए आपराधिक न्याय प्रणाली से संबंधित तीन ऐतिहासिक विधेयक, अर्थात् भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 को सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया। इन सभी विधेयकों ने भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह ले ली है।

लोकसभा में पेश किए गए विधेयकों, लोकसभा/राज्यसभा द्वारा पारित विधेयकों और दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयकों और वापस लिए गए विधेयकों की सूची अनुबंध में संलग्न है।

सत्र के दौरान दोनों सदनों द्वारा पारित कुछ प्रमुख विधेयक इस प्रकार हैं:

राज्यसभा में, सांसद श्री डेरेक ओ ब्रायन द्वारा देश में आर्थिक स्थिति पर नियम 176 के तहत एक अल्पकालीन अवधि की चर्चा 10 घंटे 25 मिनट से अधिक समय तक चली।

लोकसभा की उत्पादकता लगभग 74 प्रतिशत और राज्यसभा की लगभग 79 प्रतिशत थी।

स्रोत: पीआईबी

(अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है।)

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