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21 जून, विश्व मना रहा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार करते हुए महज तीन माह के अंदर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया। जिसके बाद अगले वर्ष 2015 में पहली बार विश्व ने योग दिवस मनाया।

योग दिवस को मनाने के लिए एक दिन सुनिश्चित किया गया, जो कि 21 जून है। 21 जून को योग दिवस के तौर पर मनाने की वजह भी है। इस तारीख को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं।

भारतीय परंपरा के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए असरदार है। इस कारण प्रतिवर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं।

International Yoga Day 2023 Date: भारत को योग गुरु कहा जाता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग लाभकारी है। योग का अभ्यास शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति देता है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योगाभ्यास होता आ रहा है।

योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जिसका प्रसार अब विदेशों तक हो रहा है। विदेशों तक योग के प्रसार का श्रेय योग गुरुओं को जाता है। भारतीय योग गुरुओं ने विदेशी जमीन पर योग की उपयोगिता और महत्व के बारे में जागरूक किया। आज दुनियाभर में योग को लोग अपने जीवन में शामिल कर रहे हैं और योगासनों के अभ्यास से स्वस्थ मन और तन की प्राप्ति का प्रयास कर रहे हैं। योग की इसी उपयोगिता से सभी को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाया जाता है। हालांकि योग दिवस मनाने की शुरुआत किसने, कब और कहां की, ये जानना भी रोचक है। आइए जानते हैं योग दिवस का इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम।

कोरोना काल के बाद योग का महत्व अधिक बढ़ गया। संक्रमण से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से लोग योग अभ्यास करने लगे। लेकिन इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत साल 2015 से हो गई थी। इस वर्ष ही पहली बार पूरे विश्व में योग दिवस मनाया गया था।

27 सितंबर 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त महासभा में दुनिया के तमाम देशों से योग दिवस को मनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार करते हुए महज तीन माह के अंदर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया। जिसके बाद अगले वर्ष 2015 में पहली बार विश्व ने योग दिवस मनाया।

योग दिवस 2023 की थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’ (Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam) है। वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है- धरती ही परिवार है। इस थीम से तात्पर्य धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है।

इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय भी 21 जून 2023 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाएगा। मंत्रालय के अधीन सभी संगठनों और उनसे संबद्ध कार्यालयों, अधीनस्थ कार्यालयों और स्वायत्त निकायों को अनुमोदित कॉमन योग प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में पूर्ण भागीदारी का निर्देश दिया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सर्कल कार्यालयों की मदद से प्रतिष्ठित स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 मनाने का भी प्रस्ताव किया गया है जिससे योग दिवस की पहुंच बढ़ेगी और भागीदारी सुनिश्चित होगी।

इस अवसर पर संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी नई दिल्ली के पुराने किले में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी। संस्कृति मंत्रालय के कर्मचारी और अधिकारी तथा दिल्ली में संस्कृति मंत्रालय के अन्य संगठन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लेंगे।

संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल पंजाब के जलंधर के नूरमहल सराय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे। संस्कृति मंत्रालय के सभी संगठन अपने-अपने मुख्यालयों में भी कई सांस्कृतिक और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। संस्कृति मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भव्य रूप से सफल बनाने और ‘जन स्वास्थ्य’ के लिए विश्व स्तर पर भारत की एकता दिखाने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज तथा बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के सतत विकास लक्ष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के लिए वचनबद्ध है।

साभार: अमर उजाला

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