विश्व होम्योपैथी दिवस
“समग्र स्वास्थ्य देखभाल बहुत बड़ा आकर्षण बनी हुई है। बेहतरीन डॉक्टर होम्योपैथी का रुख कर रहे हैं। समग्र स्वास्थ्य देखभाल का माहौल बना हुआ है। तनावपूर्ण जीवन से तनाव मुक्त जीवन का रुख करने का माहौल बना हुआ है।” – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सारांश: · विश्व होम्योपैथी दिवस हर साल 10 अप्रैल को मनाया जाता है। · होम्योपैथी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चिकित्सा प्रणाली है। · 2025 में, विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर भारत गुजरात के गांधीनगर में अपनी विशालतम होम्योपैथिक संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। · भारत में 3.45 लाख पंजीकृत होम्योपैथी डॉक्टर, 277 होम्योपैथी अस्पताल, 8,593 होम्योपैथी औषधालय और 277 होम्योपैथी शिक्षण संस्थान हैं। · राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) पूर्ववर्ती 1973 अधिनियम को आधुनिक 2020 अधिनियम से बदलते हुए शिक्षा और प्रैक्टिस को नियंत्रित करता है है। · केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) द्वारा साक्ष्य-आधारित होम्योपैथी को आगे बढ़ाते हुए 35 से अधिक शोध केंद्रों और ओपीडी का संचालन किया जाता है। · फार्माकोपिया आयोग (पीसीआईएम एंड एच) मानक फार्माकोपिया और परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं सुनिश्चित करता है। · होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973 को राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम, 2020 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया ताकि पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित नियामक ढांचे के माध्यम से होम्योपैथिक शिक्षा, प्रैक्टिस और अनुसंधान को आधुनिक बनाया जा सके और उसमें सुधार किया जा सके। परिचय
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