ताजा खबरराष्ट्रियसरकारी योजनाएं

आदि युवा फेलोशिप एवं आदि कर्मयोगी स्वयंसेवक की शुरुआत

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र भारत के साथ साझेदारी में आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत आदि युवा फेलोशिप एवं आदि कर्मयोगी स्वयंसेवक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह एक प्रमुख पहल है, जिसे विश्व के सबसे बड़े जनजातीय जमीनी स्तर के नेतृत्व अभियान के रूप में देखा जा रहा है।

आदि कर्मयोगी अभियान का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2025 को जनजातीय गौरव वर्ष (15 नवंबर 2024 – 15 नवंबर 2025) के भाग के रूप में किया था। इसका उद्देश्य 30 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 550 जिलों के एक लाख आदिवासी बहुल गांवों के 11 करोड़ नागरिकों को इसमें सीधे शामिल करना है। उत्तरदायी, जवाबदेह एवं नागरिक-केंद्रित शासन के सिद्धांतों पर आधारित यह अभियान शासन को एक जन अभियान बनाने एवं विकसित भारत 2047 की नींव रखने की कोशिश करता है।

इस पहल के एक भाग के रूप में, आदि सेवापर्व (17 सितंबर – 02 अक्टूबर 2025) चल रहा है, जिस दौरान जनजातीय समुदाय एवं सरकारी अधिकारी मिलकर जनजातीय ग्राम विजन 2030 कार्य योजना तैयार करेंगे  ताकि समावेशी विकास की दिशा में स्थानीय विकास का मार्ग प्रशस्त किया जा सके।

आदि युवा फेलोशिप

संयुक्त राष्ट्र भारत द्वारा समर्थित आदि युवा फेलोशिप, अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जिसे संरचित शिक्षा, मार्गदर्शन एवं कैरियर विकास के माध्यम से जनजातिय युवाओं को सशक्त बनाने के लिए तैयार किया गया है।

  • चयनित जनजातीय युवा 12 महीने की वेतन फेलोशिप प्राप्त करेंगे, जो एक अनुकूलित शिक्षण योजना होगी जिसमें ज्ञान निर्माण, नौकरी के अनुभव एवं चिंतनात्मक अभ्यास के बीच का संतुलन स्थापित किया जाएगा।
  • फेलो को मासिक भत्ते, व्यापक स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा तथा उच्च गुणवत्ता वाले संयुक्त राष्ट्र एवं वाणिज्यिक शिक्षण प्लेटफार्मों तक पहुंच प्राप्त होगी।
  • यह कार्यक्रम फेलो को राष्ट्रीय कौशल और रोजगारपरकता योजनाओं जैसे पीएमकेवीवाई 4.0, एनएपीएस और पीएम विकसित भारत रोजगार योजना से जोड़ेगा, जिससे दीर्घकालिक करियर के लिए मार्ग सुनिश्चित होगा।
  • फेलो को संरचित मार्गदर्शन, सहकर्मी से सहकर्मी को सीखने और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों के संपर्क का भी लाभ प्राप्त होगा।
  • अगले महीने एक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से 16 फेलो के पहले बैच का चयन किया जाएगा और उन्हें राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ रखा जाएगा।

आदि कर्मयोगी स्वयंसेवक

  • आदि कर्मयोगी स्वयंसेवक पहल यूएनएफपीए द्वारा समर्थित है जो जनजातीय युवाओं को जमीनी स्तर पर परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक बनने तथा जनजातीय क्षेत्रों में अंतिम छोर तक सेवा वितरण को मजबूत करने के लिए सक्षम बनाएगी।
  • 82 संयुक्त राष्ट्र सामुदायिक स्वयंसेवक आदि कर्मयोगी के रूप में यूएनएफपीए द्वारा समर्थित स्वयंसेवकों को दो महीने की गहन जमीनी स्तर की भागीदारी के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान के 13 जिलों के 82 ब्लॉकों में तैनात किया गया है।
  • स्वयंसेवक ग्राम विजन 2030 योजना, जागरूकता अभियान, आउटरीच तथा योजनाओं एवं सेवाओं तक बेहतर पहुंच में सहायता प्रदान करेंगे।
  • उनके योगदान से गांव स्तर पर सामुदायिक भागीदारी और समावेशी शासन को मजबूती मिलेगी।

“आदि युवा एवं आदि कर्मयोगी फ़ेलोशिप समावेशी विकास के प्रति हमारी दृढ़ संयुक्त राष्ट्र प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब हैं, जिसका उद्देश्य युवाओं को कौशल, मार्गदर्शन और आगे बढ़ने व नेतृत्व करने का अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। जनजातीय कार्य मंत्रालय के नेतृत्व मेंहमें विविधता में भारत की शक्ति का समर्थन करने और 2030 एजेंडा और विकसित भारत 2047, दोनों की दिशा में गतिशील प्रगति देने पर गर्व है।”

-— शोम्बी शार्प, भारत में संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय समन्यवक

“यह साझेदारी आदिवासी युवाओं को अग्रिम पंक्ति से नेतृत्व करने में सक्षम बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। यह न केवल समावेशी प्रगति को गति देगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि आदिवासी समुदाय भारत की विकास गाथा के केंद्र में हों। मंत्रालय हमारे युवाओं को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे भारत के भविष्य के लिए नेतृत्वकर्ता, नवप्रवर्तक और परिवर्तन के वाहक के रूप में उभरें।”

— विभु नायर, सचिवजनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार

आदि युवा फ़ेलोशिप और आदि कर्मयोगी स्वयंसेवक कार्यक्रम का शुभारंभ आदिवासी युवाओं को भविष्य के नेता, नवप्रवर्तक और परिवर्तनकारी के रूप में सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। कौशलमार्गदर्शन और जमीनी स्तर पर जुड़ाव को बढ़ावा देकरयह पहल सुनिश्चित करती है कि आदिवासी समुदाय अपने विकास को आकार देने में सक्रिय भागीदार बनें। भारत में जनजातीय कार्य मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र के बीच इस साझेदारी के माध्यम सेयह अभियान समावेशी विकास, सहभागी शासन और विकसित भारत 2047 के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है।

स्रोत: पीआईबी

 (अस्वीकरण: संदेशवार्ता डॉट कॉम द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक, तस्वीर और कुछ वाक्यों पर फिर से काम किया गया हो सकता है; शेष सामग्री एक सिंडिकेटेड फ़ीड से स्वतःउत्पन्न हुआ है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *